उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों की धाक पूरे देश में है, जो अपनी गुणवत्ता और पौष्टिकता के लिए जाने जाते हैं. पूर्व सीएम हरीश रावत अक्सर उत्तराखंड के पहाड़ी अंचलों के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आगे आते रहते हैं.
दो दिन पहले हरीश रावत पहाड़ी गेठी का लुत्फ उठाते दिखाई दिए थे. वो घर पर पहाड़ी गेठी के फायदे गिनाते दिखाई दिए थे. साथ ही उन्होंने गेठी के स्वाद का जमकर मजा लिया. वहीं अल्मोड़ा से लौटने के बाद हरीश रावत अपने देहरादून निवास में पहाड़ के उत्पाद साथ लाए हैं. जिसके बारे में वो अपनी पत्नी के साथ बातचीत दिखाई दे रहे हैं. अपने अल्मोड़ा जिला स्थित गांव मोहनरी से करेला, मूली, तुरई, लौकी, तुमड़ा, कद्दू और ककड़ियां लाए हैं.
हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया में एक वीडियो भी शेयर किया है. शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि मैं, अपनी पत्नी साहिबा और बच्चों के लिए अपने गांव की कुछ सौगातें लेकर के आया हूं. कुछ करेले हैं. कुछ मूली हैं. गांव में जिसका टपकिया (दोपहर के भोजन में दाल चालव के साथ सब्जी) खाकर मैं बड़ा आनंदित महसूस करता हूं, उसको भी अपने साथ लेकर के आया हूं. कुछ तुरई हैं जिसका टपकिया और कापा बनता है. अपने गांव की लौकी, तुमड़ा, कद्दू और ककड़ियां भी लेकर के आया हूं. मेरी पत्नी अल्मोड़िया रायता बहुत अच्छा बनाती हैं. मेरे पितृ, विशेष तौर पर मेरी माता और मेरे पिता रायता बहुत पसंद करते थे. यह पितृ श्राद का वक्त है तो उनके प्रसाद के रूप में हम सब ग्रहण करेंगे. यह ककड़ी कई रोगों की नाशक है.
बता दें कि आम, लीची, भुट्टा, नींबू पार्टी के अलावा खिचड़ी, मशरूम भोज कार्यक्रम आयोजित करके पूर्व सीएम हरीश रावत ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं. इसके अलावा मंडुआ, कोदा, झंगोरा जैसे उत्पादों को जमकर प्रमोट करते आ रहे हैं.