उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से युवाओं के आंदोलन का कारण बना भर्ती घोटाले के साथ उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर नियुक्ति मामले की जांच रिपोर्ट आज किसी भी समय सामने आ सकती है.
मामले में गठित की गई जांच विशेषज्ञ समिति ने रिपोर्ट तैयार कर ली है. समिति आज किसी भी समय विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को रिपोर्ट सौंप सकती है. हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने इसी हफ्ते रिपोर्ट आने के संकेत दिए थे.
विधानसभा में हुई कई भर्तियों को लेकर जमकर विवाद हुआ है.. विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां नौकरी पर लगवाई गई हैं.
यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.
बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए. इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट किये गये हैं. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा को भी नियुक्ति दी गई.
उत्तराखंड आरआरएस के कई नेताओं के सगे संबंधियों को भी नियुक्ति मिली.
विधानसभा सचिवालय में हुई बैक डोर नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को पत्र लिखकर जांच कराने का आग्रह किया था.
जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने एक्सपोर्ट कमेटी दिलीप कुमार कोठिया को अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत को सदस्य और अविनेंद्र सिंह नयाल के नेतृत्व में 3 सितंबर को गठित की.
इससे पहले अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को एक महीने के अवकाश पर भेज दिया और उनका ऑफिस भी सील कर दिया है.