विश्व विख्यात केदारनाथ मंदिर के भीतर कुछ तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बावजूद भी सोने की परत चढ़ाये जाने का कार्य जारी है. कुछ तीर्थ पुरोहित लगातार विरोध कर रहे हैं, बावजूद इसके बदरी-केदार मंदिर समिति की ओर से मंदिर के गर्भ गृह में कार्य करवाया जा रहा है. शुरूआती चरण में रात्रि के समय में मंदिर के बाहर पहरा देकर कार्य को रोकने की भी कोशिश की.
केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में महाराष्ट्र के किसी दानीदाता ने सोने की परत चढ़ाने की इच्छा जाहिर की थी, जिसके बाद बदरी केदार मंदिर समिति ने शासन से अनुमति लेकर सोने की परत चढ़ाने को लेकर कार्य शुरू कर दिया. जिस स्थान पर सोने की परत चढ़ाई जा रही हैं, वहां पहले से चांदी की परते थी. अब चांदी के स्थान पर सोने की परते चढ़ाई जा रही है.
विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि मंदिर के गर्भ गृह में सोने की परत न चढ़ाये जाने के लिए उन्हें उत्तराखंड के चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों का समर्थन मिल रहा है. केदारनाथ मंदिर मोक्ष धाम है. यहां भक्त मोक्ष प्राप्ति करने के लिये आते हैं न कि सोने-चांदी को देखने.
सोना-चांदी चढ़ने से यहां की पौराणिक परंपराएं प्रभावित हो रही हैं. साथ ही पौराणिक मंदिर पर ग्रिल मशीन से छेद करना उचित नहीं है. ऐसे में किसी भी हाल में मंदिर में सोने की परत नहीं चढ़ने दी जायेगी. जबरन मंदिर के भीतर कार्य किया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है. अब अपनी आवाज को केन्द्र सरकार तक पहुंचाया जायेगा और उग्र आंदोलन किया जायेगा.
इस पर बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष का कहना है कि सोने की परत चढ़ाये जाने का कार्य निर्वाद गति से चल रहा है, जिन तीर्थ पुरोहित विरोध कर रहे हैं, उनसे बातचीत करके उनकी शंका को दूर किया गया है.