उत्तराखंड में मंगल का दिन अमंगल हो गया… राज्य में एक बड़े हादसे की खबर सामने आई। उत्तरकाशी जिले में द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी पर एवलॉन्च आ गया. एवलॉन्च में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) उत्तरकाशी के 34 प्रशिक्षु और सात पर्वतारोहण प्रशिक्षक और एक नर्सिंग स्टाफ समेत कुल 42 लोग फंसे गए हैं.
इस हादसे में 7 लोगों के मौत की पुष्टि हो गई हैं. तो 8 लोगों का रेस्क्यू किया गया है. जहा 25 लोगों के फंसे होने की सुचना जारी हुई है… वहीं दूसरी और आपदा कण्ट्रोल रूम में भी हर समय फ़ोन की घंटी बज रही है हर कोई अपनों की सलामती की दुआ कर रहा है…
द्रौपदी का डांडा चोटी पर एवलांच के बाद राहत एवं बचाव अभियान की कमान दुनिया की सबसे ऊंची चोटी फतह करने वाली टीम को सौंपी गई है। टीम के सदस्यों ने वर्ष 2018 में माउंट एवरेस्ट फतह किया था।
वही बचाव अभियान को लेकर डीजीपी के मुताबिक अभी तक 8 पर्वतारोहियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिया गया है. अभी तक 25 लोग लापता बताए जा रहे हैं. बचाव और राहत कार्यों के लिए IAF ने 2 चीता हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं, अन्य सभी हेलीकॉप्टरों के बेड़े को किसी भी अन्य आवश्यकता के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है.
डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम निम के बेस कैंप पर पहुंच चुकी है. एयरफोर्स के चॉपर ने सरसावा से टेक ऑफ कर लिया है. इसके अलावा प्राइवेट चॉपर भी सहस्त्रधारा हेलीपैड से उड़ान भर चुके हैं. एयरफोर्स का चॉपर पूरी रेकी करने के बाद बड़े स्तर पर रेस्क्यू कार्य में मदद करेगा. वहीं, भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू अभियान रोक दिया गया है.