विरासत: सुरेश वाडकर का चला जादू, गीतों पर दर्शक झूमने को मजबूर

देहरादून में आयोजित विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2022 के दूसरे दिन भी धूम मची रही… कार्यक्रम की शुरुवात विरासत साधना के साथ हुई. विरासत साधना कार्यक्रम के तहत देहरादून के 19 स्कूलों ने प्रतिभाग किया. जिसमें कुल 24 बच्चों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित गीतों पर प्रस्तुतियां दीं.

डॉक्टर प्रभाकर कश्यप और डॉक्टर दिवाकर कश्यप की जुगलबंदी में शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति दी गई. देर रात तक लोगो ने इस जुगलबंदी का दर्शकों का लुत्फ उठाया.उनकी प्रस्तुतियों की शुरूआत खूबसूरत बंदिश पिया घर आए से हुई. उनकी अगली प्रस्तुति मध्य लय में थी. ऐसे सुंदर सुगरवा बालम और ड्रट लय में विदेश के साथ समाप्त हुआ.

कार्यक्रम की आखिरी प्रस्तुति में लोकप्रिय पार्श्वगायक सुरेश वाडकर मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे. प्रस्तुति के दौरान उन्होंने विरासत में मौजूद लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया.

सुरेश वाडकर भारतीय पार्श्वगायन में एक जाना माना नाम हैं. उन्होंने हिंदी और मराठी दोनों फिल्मों में गीत गाए हैं. इसके अलावा उन्होंने भोजपुरी, उड़िया और कोकणी फिल्मों में भी गाने गाए हैं. सुरेश वाडकर को सुगम संगीत के लिए 2018 के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया.इसके अलावा उन्हें 2020 में भारत सरकार ने पद्मश्री से भी सम्मानित किया.

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