अब यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम के लिए 18 से 20 किलोमीटर की दूरी सिर्फ पैदल ही नहीं तय नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ रोपवे को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में मंजूरी मिल गयी है, अब जो सफर यात्रियों को पूरी करने में करीब 8 घंटे का समय लगता था अब वही दूरी 30 मिनट में तय हो जाएगी।
बोर्ड बैठक में रामबाड़ा से गरुड़चट्टी में लगभग साढ़े पांच किलोमीटर पैदल मार्ग के नव निर्माण की भी अनुमति मिली है। बता दे की यह क्षेत्र केदारनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के तहत आता है। हालांकि राज्य वन विभाग से इसकी अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही लगभग 12 किलोमीटर के इस रोप-वे का निर्माण शुरू हो सकेगा। प्रमुख सचिव वन के मुताबिक केदारनाथ में पुराने पैदल मार्ग के पुननिर्माण में .983 हेक्टेयर वन भूमि आ रही है।
वन भूमि हस्तांतरण को बोर्ड बैठक में मंजूरी मिली है। केदारनाथ धाम रोपवे के निर्माण में 1200 करोड़ व हेमकुंड साहिब से गोविंदघाट के लिए 850 करोड़ रुपये की लागत आएगी। एनएचएआई की एजेंसी नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड ने दोनो रोपवे की डीपीआर तैयार की है।
प्रमुख सचिव (वन) आरके सुधांशु के मुताबिक हेमकुंड साहिब रोपवे के लिए बोर्ड की अनुमति की जरूरत नहीं है। इसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पहले ही स्वीकृति दे रखी है। बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें दोबारा स्वीकृति लेने की आवश्यकता नहीं समझी गई।