सरस मेले के दसवे दिन भी लोगों का खूब उत्साह दिखा और लोगो ने कश्मीरी शॉल स्वेटर और लेडीज सूट अखरोट कश्मीर के बादाम आदि की खूब खरीदारी की गई।
वही आज सांस्कृतिक संध्या मैं वही लोक गायक करण रावत ने गढ़वाली घुमणा खुली शैली बौजी 2 हेमना घसेटी मना..
3 दीपा एक विदेशी चिराग है गानों मैं लोग खूब झूम उठे. वही अंशु थपलियाल क्लासिकल गायक रंगी सारी गुलाबी- (दादरा/राग:- मिश्र पहाड़ी) हमरी अटरिया पे – (दादरा/राग:-मित्र भैरवी mil. बैलम परदेसिया हाय-(दादरा राग:-पहाड़ी) PAGE गढ़वाली गीत-मन भरमैगी मेरी, बातें मुरलिया – भजन : सांस्कृतिक संध्या, DATE सरस मेला
में आज देहरादूनउपशास्त्रीय संगीत के अंतर्गत ठुमरी, दादरा, कजरी और अंत में
दर्शकों की 18 मांग पर, लतानी एवं. भीमसेन जोशी जी द्वारा रचित एवं गाया बाजे मुरलिया भजन द्वारा गाय समाप्ति हुई ।
अंशु थपलियाल ने संगीत की उच्च तालीम डा. मीता चक्रवर्ती, पं. मुरली घर जगूड़ी जी, एवं विदूषी सुलोचना बृहस्पति से ली हैं। अपनी उत्तम प्रस्तुति से अंशुजी ने
दशकों को अपनी परिचय कराया।
बोल बनाव गायन ने बना दिया। व अति उत्तम भावप्रवण पूरा माहौल ही संगीतमय
तबले पर – शिव सहाय (बनारस) सारंगी पर – गुलाम अली (मुंबई) हारमोनियम – ललित सिसोदिया (दिल्ली)
अंशुजी रामपुर परंपरा की अग्रणी व बहुमुखी प्रतिभा की धनी कलाकार है। और उत्तराखण्ड में उन्होंने एक अलग पहचान बनाई है। सरस मेले में सीडीओ सुश्री झरना कमठान परियोजना निदेशक श्री आरती तिवारी एवं डीडीओ सुशील मोहन डोभाल तथा सरस मेले में कार्य कर रहे कार्मिक उपस्थित रहे। सरस मे नहमत स्वयं सहायता समूह बिहार शंकर सहायता समूह. संस्था समूह केरल उज्जवला स्वयं सहायता समूह महाराष्ट्र सन सुखी संसार का समूह मेघालय श्री राम स्वयं सहायता समूह हरियाणा सायापात्री सहायता समूह सिक्किम वैष्णवी सहायता समूह राजस्थान दवीयनखासा समूह छत्तीसगढ़ कृष्णा स्वयं सहायता समूह. मेले में शनिवार की वजह होने से लोगों की काफी भीड़ गई और लोगों ने दिवाली की भी खरीदारी खूब करें किसी भी अधिकारी ने बताया कि यहां मेला हमारा बहुत सफल रहा और हम इस मेले से हमारे जितने भी लोग बाहर दूरदराज से आए थे काफी खुश नजर आए