केदारनाथ, यमुनोत्री धाम : रिकॉर्ड तोड़ यात्रियों के पहुंचने से पर्यटन और तीर्थाटन ने भरा फर्राटा

लगभग दो साल कोरोना के कारण सुने पड़े चारधाम में इस बार रिकॉर्ड तोड़ यात्रियों ने नाम दर्ज कराया है… यात्रा में भारी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने से स्थानीय व्यवसाओं में ख़ुशी की लहर है.. कोरोना महामारी की वजह से वह पर्यटन के भरोसे चल रहे स्थानीय व्यपारियों की आर्थिकी स्थिति दामाधोल हो गयी थी, लेकिन इस बार पर्यटन और तीर्थाटन ने चारधाम यात्रा से फर्राटा भरा है।

केदारनाथ, यमुनोत्री धाम में घोड़ा खच्चर, हेली सेवा, डंडी-कंडी से 211 करोड़ का कारोबार हुआ है। वहीं, गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) को भी 50 करोड़ की आय का अनुमान है…

चारधाम यात्रा मार्ग के सभी होटल, होमस्टे, लॉज और धर्मशाला भी पिछले छह माह तक बुक रहे।

इस सीजन में 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक यात्रा की। यमुनोत्री धाम में भी घोड़े खच्चर वालों ने 21 करोड़ का कारोबार किया। वहीं, डंडी-कंडी वालों ने 86 लाख रुपये की कमाई की और हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपये का कारोबार किया। सीतापुर और सोनप्रयाग पार्किंग से लगभग 75 लाख का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ है..

केदारनाथ धाम इस बार घोड़े खच्चर वालों ने करीब 109 करोड़ 28 लाख रुपये का रिकॉर्ड कारोबार किया। सरकार को भी आठ करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ।

धामों में हुए इस मुनाफे पर सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि आने वाला दशक उत्तराखंड का है। अब उसकी शुरुआत हो चुकी है। सरकार का प्रयास है कि यात्रा से स्थानीय लोगों की आजीविका में वृद्धि हो और आय के श्रोत और बढ़ें। इसके लिए सरकार हर स्तर पर काम कर रही है..

प्रधानमंत्री ने गत 21 अक्तूबर को बदरीनाथ धाम स्थित माणा गांव में वोकल फॉर लोकल का जिक्र करते हुए देशवासियों से आग्रह किया कि जहां भी जाएं एक संकल्प करें कि यात्रा पर जितना भी खर्च करते हैं। उसका कम से कम पांच प्रतिशत वहां के स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करें।

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