विधानसभा भर्तियों पर अनियमिता पाए जाने पर विधानसभा अध्य्क्ष द्वारा निलंबित सचिव मुकेश सिंघल को अब कारण बताओ नोटिस जारी किया है… बता दे की विधानसभा सचिवालय में पिछले वर्ष 32 पदों पर सीधी भर्ती कराने के लिए विवादित एजेंसी का चयन और उसे दो दिन में 59 लाख रुपये का भुगतान के मामले की जांच में सिंघल की भूमिका संदेहास्पद पाई गई थी।
विधानसभा अध्य्क्ष ऋतू खंडूरी ने बताया की सचिव मुकेश सिंघल को नोटिस भेजे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है।
साथ ही विधानसभा में पिछले वर्ष हुई 72 तदर्थ नियुक्तियों का मामला सामने आते ही विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने विधानसभा सचिवालय में हुई सभी भर्तियों की जांच कराई। जांच में पाया गया की नियुक्तियों में नियम-कानूनों का पालन नहीं किया गया जिस कारण वर्ष 2016 से 2021 तक की 228 तदर्थ नियुक्तियां रद कर दी गई थीं।
जांच रिपोर्ट के अनुसार एजेंसी के चयन में नियमों व प्रविधानों का उल्लंघन किया गया। यही नहीं, एजेंसी को बिल प्राप्त होने के दो दिन के भीतर 59 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। जांच में इस मामले में सचिव की भूमिका संदेहास्पद पाई गई थी। सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल को निलंबित कर उन्हें गैरसैंण से संबद्ध किया गया।