भारत माता तेरी कसम तेरे रक्षक बनेंगे हम जैसे देशभक्ति गीतों पर कदमताल करते हुए आज देश की रक्षा के लिए 314 जाबाज़ तैयार हो गए है…. भारतीय सैन्य अकादमी का कई सालों से जाबाज़, निडर अफसरों को तैयार करने का इतिहास रहा है जहां आज एक और अध्याय इसमें जुड़ गया है…
भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से 314 कैडेट्स पासआउट होकर आज देश की सेना में अफसर बन गए। आज सुबह नौ बजे बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर सेंट्रल कमांड के जीओसी इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी पासिंग आउट परेड की सलामी ली।
आईएमए गीत पर कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे तो लगा कि विशाल सागर उमड़ आया है। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हर एक नागरिक के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे।
परेड के बाद निजाम पवेलियन में आयोजित पीपिंग व ओथ सेरेमनी में भाग लेने के बाद सभी जेंटलमैन कैडेट सेना में अफसर बन गए हैं।
इन्हें मिला अवार्ड
स्वार्ड आफ आनर- पवन कुमार
स्वर्ण पदक – पवन कुमार
रजत पदक- जगजीत सिंह
रजत पदक टीजीसी – अभिषेक शर्मा
कांस्य पदक – प्रापु लिखित
चीफ आफ आर्मी स्टाफ बैनर- जोजिला कंपनी
मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करना देवभूमि की युवाओं की पुरानी परंपरा रही है। शनिवार को होने वाली भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड में अंतिम पग भरकर उत्तर प्रदेश के 51, हरियाणा के 30 और उत्तराखंड के 29 कैडेट्स सेना में अफसर बन जाएंगे।
पिछले एक दशक के दौरान शायद ही ऐसी कोई परेड हो, जिसमें कदमताल करने वाले युवाओं में उत्तराखंडियों की तादाद अधिक न रही हो।
पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कैडेट्स की संख्या भले ही सबसे अधिक है, मगर इसकी तुलना वहां की आबादी के हिसाब से करें तो सेना को जांबाज देने में इस बार भी उत्तराखंड ही अव्वल है।