मंत्री सतपाल महाराज के PRO द्वारा मंत्री के निजी सचिव पर उनके फ़र्ज़ी हस्ताक्षर करने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है जिसके बाद से ही सचिवालय के कर्मचारियों में इस फैसले से नाराजगी है
सचिवालय संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा की ये कर्मचारी के खिलाफ उत्पीड़न के रूप में कार्यवाई की जा रही है उनके अनुसार ज़ब जाँच में कर्मचारी को क्लीन चिट मिल गई है तो फिर क्यों मुकदमा दर्ज कराया गया है उससे साफ होता है की कर्मचारी का उत्पीड़न करने की मंशा है जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष व महासचिव की ओर से कहा गया कि इस प्रकरण में जब मंत्री के अनुरोध पर सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में कोई तथ्य न पाते हुए संबंधित निजी सचिव को दोषमुक्त किया जा चुका है तथा पुनः मंत्री के अनुरोध पर 3 सदस्यीय समिति की जांच अभी विचाराधीन है तथा इसका परिणाम आना शेष है, इससे पहले ही एफ आई आर दर्ज कर दिया जाना सीधे-सीधे कर्मचारी के उत्पीड़न का मामला है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष द्वारा कहा गया है कि जब अभी मंत्री के अनुरोध पर पुनः गठित तीन सदस्यीय जांच समिति अपनी जांच कर रही है तथा उसकी जांच रिपोर्ट आनी अवशेष है, उससे पूर्व ही f.i.r. करने जैसा कदम उठाया जाना उचित एवं व्यवहारिक नहीं है, यह अपने ही सिस्टम पर अविश्वास करने जैसा है जबकि मंत्री का अपना एक प्रोटोकोल है तथा पूरा सिस्टम माननीय मंत्री के अधीन ही कार्य करता है, सचिवालय संघ अपने कार्मिक सदस्य के सेवा हितों के संरक्षण हेतु इस f.i.r. को तत्काल वापस लिए जाने का अनुरोध मंत्री से करता है तथा इस उत्पीड़न की कार्रवाई को रोके जाने का अनुरोध किया है।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी द्वारा बताया गया कि इस पूरे प्रकरण में सभी अभिलेखों के साथ अपना प्रभावित पक्ष रखे जाने हेतु शीघ्र ही लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज तथा मुख्यमंत्र से भेंट वार्ता कर अनावश्यक उत्पन्न हो रहे इस गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाएगा तथा मानसिक व सामाजिक रूप से आघात हो रहे अपने कार्मिक सदस्य को इस घटनाक्रम से निजात दिलाएगा तथा एक तरफा की जा रही इस कार्रवाई का पटाक्षेप करते हुए इस विवाद पर विराम लगाने का कार्य करेगा। सचिवालय संघ अपने किसी भी सदस्य का इस तरह से उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।