उत्तराखंड में परीक्षाओं में तमाम तरह की गड़बड़िया सामने आती रहती है, जिससे युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ जाता है..परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के आरोपों का सिलसिला जारी ही रहता है…
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक कांड मे ना केवल मास्टर माइंड जेल मे हैं वही आयोग के पूर्व अध्यक्ष समेत कई पूर्व अधिकारी जेल की सलाखों के पीछे हैं…जिससे कई परीक्षाओं का जिम्मा UKSSSC से हटा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को सौंप दिया है…
ऐसे मे लगातार कई परीक्षा जो हो चुकी हैं उनके भविष्य और उनको देने वालों का भविष्य दोनों अधर मे नजर आ रहा था वही अब एक ऐसी खबर आ रही हैं जिससे 2500 छात्र छात्राओं क़ो बड़ी राहत मिल सकती हैं
एलटी सहित उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की आठ परीक्षाओं में बड़ी गड़बड़ी नहीं मिली। इसमें एलटी के साथ ही वैयक्तिक सहायक, कनिष्ठ सहायक, पुलिस रैंकर्स, वाहन चालक, अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक, मुख्य आरक्षी दूरसंचार परीक्षाएं शामिल हैं। रिटायर्ड नौकरशाह एसएस रावत की कमेटी ने जांच पूरी कर ली है।
एसएस रावत ने कहा कि वह एक दो दिन में रिपोर्ट आयोग को सौंप देंगे। उक्त में से सात परीक्षाओं में विवादित भर्ती एजेंसी आरएमएस टैक्नोसॉल्यूशन की भूमिका रही थी। जबकि व्यक्तिक सहायक की परीक्षा, ऑनलाइन एनएससीईआरटी ने कराई थी। अब जांच रिपोर्ट के बाद 2500 युवाओं को राहत मिल सकती है।
जुलाई में स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा लीक के बाद आयोग ने इन परीक्षाओं पर जांच बैठा दी थी। रिटायर्ड अफसर एसएस रावत की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय टीम ने अब इन परीक्षाओं की जांच पूरी कर ली है। सूत्रों के अनुसार जांच टीम को इन आठ परीक्षाओं में
नकल या पेपर आउट होने के बहुत पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। जांच दल ने सभी आठ परीक्षाओं की मैरिट में शामिल अभ्यर्थियों का पिछला रिकॉर्ड जांचा है। इसमें कुछ मामलों को छोड़ शेष का एकेडमिक रिकॉर्ड ठीक पाया गया है…