अंकिता हत्याकांड में वीआईपी का नाम न उजागर होने पर पूर्व सीएम हरीश रावत देहरादून स्तिथ गांधी पार्क धरने पे बैठे। अंकिता हत्याकांड के मामले पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा की कहा- सरकार का बयान केस में बाधा बन सकता है । उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से वीआइपी को लेकर दिया गया बयान भविष्य में संबंधित मुकदमे और दंड प्रक्रिया में बाधा बन सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वनंतरा प्रकरण में बेटी को न्याय मिलना चाहिए। वनंतरा रिसार्ट में वीआइपी को लेकर सरकार के मंत्री का जो बयान आगे आया है वह भविष्य में मुकदमे को प्रभावित कर सकता है। वनंतरा रिसार्ट की कर्मचारी ने अपनी वाट्सएप चेटिंग में साफ कहा है कि उस पर वीआइपी को स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव था। इस प्रकरण को लेकर उत्तराखंड की जनता में अभी भी कई तरह के संदेह हैं। इसमें वीआइपी की उपस्थिति गंभीर मामला है। इससे रिसार्ट संस्कृति पर भी गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि विधानसभा में बैक डोर से नियुक्तियों का मामला यदि अवैध है तो नियुक्ति पाने वाला ही दोषी नहीं है बल्कि नियुक्ति देने और दिलवाने वाला भी बराबर का दोषी है। कमजोर को दंडित करना और अन्य को दंडित नहीं करना यह न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है।
ऋषिकेश में जी-20 समिट के आयोजन को लेकर हरीश रावत ने कहा कि यह अपने आप में बड़ी बात है कि उत्तराखंड की हृदय स्थली ऋषिकेश में यह आयोजन हो रहा है। राज्य सरकार का दायित्व है कि वह ऋषिकेश के गोविंद नगर में लगे कूड़े के पहाड़ का निस्तारण कराएं। यहां के विकास का रोड मैप सरकार तैयार करें। इससे समूचे विश्व में उत्तराखंड राज्य की छवि सुधरेगी। यह सिर्फ पालीटिकल इवेंट बनकर ना रह जाए।