नित्यानंद स्वामी की 94 वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को सम्मानित करने के साथ ही संगीत, शिक्षा, उद्योग, चिकित्सा एवं सांस्कृतिक सम्पदा से जुड़े 5 लोगों के साथ अन्य दो लोगों को उत्तराखण्ड गौरव से सम्मानित किया गया।
प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे नित्यानंद स्वामी को नमन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सेवा प्रदान करने की उनकी संकल्पबद्धता अभूतपूर्व थी। एक वकील के रूप में हो, एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में हो या फिर एक मुख्यमंत्री के रूप में उनका जीवन हम सभी के लिये एक प्रेरणापुंज के समान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री होते हुए उन्होंने अंत्योदय के विचार को अपने कार्यों के माध्यम से सिद्ध किया। शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं का विकास और सैनिकों के हित के लिये उन्होंने अभूतपूर्व कार्य किये।
उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत पर विशेष ध्यान देते हुए उन्होंने उत्तराखण्ड के राज्य चिन्हों को स्थापित कर, संपूर्ण देश में उत्तराखण्ड की एक विशिष्ट पहचान बनाई। मुख्यमंत्री ने नित्यानंद स्वामी जनसेवा समिति द्वारा उनके जीवन से प्रेरित होकर समाज सेवा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की सराहना की।
समिति द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में, पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में, व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र जमीनी स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। जो निश्चित रूप से सार्थक पहल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड की डबल इंजन की सरकार स्व. नित्यानंद स्वामी के पदचिन्हों पर चलते हुए राज्य के विकास हेतु प्रतिबद्ध है।