उत्तराखंड के जोशीमठ में भवनों, दुकानों और सड़कों पर दरारों के बढ़ते सिलसिले के बीच मशीनरी ने संकटग्रस्त परिवारों को डेंजर जोन घोषित किए गए चार वार्डों से निकालने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। इसके लिए राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को मोर्चे पर उतारा गया है।
सोमवार को एसडीआरएफ की टीमों ने प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर दरारों का जायजा लिया और वहां रह रहे परिवारों से राहत शिविरों में या अन्य सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की।
टूट रहे घरों को छोड़ने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। इसके बाद इन भवनों से परिवारों को एसडीआरएफ खुद शिफ्ट करेगी। यह सख्ती इसलिए बरती जा रही है, जिससे भूधंसाव के कारण किसी तरह का जानमाल का नुकसान न होने पाए।
डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित किया
विशेषज्ञों के अध्ययन के बाद सरकार ने यहां करीब डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित किया है। इसके साथ ही नगर के चार वार्डों (गांधीनगर, सिंहधार, मनोहर बाग और सुनील) को असुरक्षित घोषित करते हुए सुरक्षा की दृष्टि से तत्काल खाली कराने का आदेश दिया गया है। इन चार वार्डों में अब तक 360 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं, जो रहने लायक नहीं रह गए हैं।