मंगलवार को उत्तराखंड की महिलाओं के आरक्षण विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है. राजभवन की मंजूरी के साथ ही महिला अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानूनी अधिकार भी मिल गया है.
राज्य सरकार ने विधानसभा में बिल को सर्वसम्मति पारित कराकर राजभवन भेजा था. विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में पारित 14 बिलों, जिनमें अधिकतर संशोधित विधेयक थे, के साथ महिला आरक्षण बिल को भी राज्यपाल की मंजूरी मिलनी थी.
राजभवन से ज्यादातर विधेयकों को मंजूरी मिल गई, लेकिन महिला क्षैतिज आरक्षण बिल विचाराधीन रहा. राजभवन ने विधेयक को मंजूरी देने से पहले इसका न्याय और विधि विशेषज्ञों से परीक्षण कराया.
इस कारण विधेयक को मंजूरी मिलने में एक महीने का समय लग गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों महिला क्षैतिज आरक्षण कानून के जल्द लागू होने के संकेत दिए थे. राजभवन के सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल की मंजूरी के साथ विधेयक विधायी विभाग को भेज दिया गया है.
12 विधेयकों को मिली मंजूरी, तीन शेष
राजभवन को 14 विधेयक मंजूरी के लिए भेजे गए थे. इनमें से महिला आरक्षण समेत 12 को मंजूरी मिल गई है. जबकि भारतीय स्टांप उत्तराखंड संशोधन विधेयक और हरिद्वार विश्वविद्यालय विधेयक को राजभवन से अभी मंजूरी नहीं मिली है.