जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव की पुष्टि इसरो ने कर दी है।
इसरो के अनुसार जोशिमठ क्षेत्र में 7 महीने में 9 सेंटीमीटर जबकि 10 दिन में ही 5.5 सेंटीमीटर जमीन धंसी है।
रिमोट सेंसिंग सेंटर के सेटेलाइट मैप के आधार पर साफ हो गया है की जोशीमठ में भूमि धंसाव की प्रक्रिया बीते कुछ महीनों से हो रही थी जो निरंतर बढ़ती गई।
ISRO के अनुसार जोशीमठ में अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच करीब 9 सेंटीमीटर तक भूमि धंसाव हुआ, जबकि 27 दिसंबर 2022 से 8 जनवरी 2023 के बीच 10 दिन में ही 5.5 सेंटीमीटर से भी ज्यादा भूमि धंसाव हो गया।
गौरतलब है कि भूधंसाव की यह प्रक्रिया 2180 मीटर (करीब 6500 फीट) से भी अधिक ऊंचाई तक है।
इसरो के सेटेलाइट मैप में दिख रहे पीले घेरे वाले भाग की सबसे पहले धंसने की आशंका है। वहीं लगभग पूरा जोशीमठ भू धंसाव की जद में है। जिसमें जोशीमठ औली मार्ग, नरसिंह मंदिर को भी मार्क किया गया है।