भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने उत्तराखंड के मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के आग्रह पर जोशीमठ भू-धंसाव की सेटेलाइट तस्वीरें हटाईं. मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यह जानकारी दी. बताया कि उनके द्वारा इसरो के निदेशक से इस मामले को लेकर आग्रह किया गया था. मंत्री के द्वारा कहा गया था कि इन तस्वीरों में राज्य में भय का माहौल पैदा हो रहा है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर अधिकृत बयान जारी करो या फिर केंद्र सरकार या राज्य सरकार को बताइए. जिसके बाद इसरो द्वारा उक्त तस्वीरें वेबसाइट से हटवा दी गई. बता दे कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत चमोली जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं और वर्तमान में आपदा की स्थिति में वह जोशीमठ में ही कैंप कर रहे हैं. जोशीमठ में भूधंसाव को लेकर निरंतर चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है. कुछ दिन पहले वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान ने सेटेलाइट अध्ययन में बताया था कि यहां जमीन खिसकने/धंसने की सालाना दर करीब 85 मिलीमीटर है. इसके बाद इसरो के देहरादून स्थित भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आइआइआरएस) ने भूधंसाव की सालाना दर 65 से 87 मिलीमीटर बताई थी. अब इसरो के हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) ने सेटेलाइट चित्र जारी कर जोशीमठ क्षेत्र में 12 दिन में ही 5.4 सेंटीमीटर (54 मिलीमीटर) के धंसाव की चौकाने वाली जानकारी दी है. यह जानकारी इसरो के हवाले से प्रमुख समाचार एजेंसी पीटीआइ ने जारी की है. पीटीआइ के मुताबिक इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने दो अंतराल के सेटेलाइट चित्र जारी किए हैं. इनमें अप्रैल से नवंबर 2022 के मध्य किए गए सेटेलाइट. अध्ययन में कहा गया है कि सात माह में जोशीमठ की जमीन में 8.9 सेंटीमीटर (89 मिलीमीटर) का धंसाव पाया गया.