मुंबई के राज्यपाल व उत्तराखण्ड के पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी 26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड की सलामी लेने के बाद किसी भी दिन अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। दो दिन पहले देहरादून आये राज्यपाल कोश्यारी की ताजी यात्रा के बाद राजनीतिक गलियारों में इन चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।
इधर, दून से मुंबई जाने के बाद कोश्यारी ने ट्वीट कर इस्तीफे की बात कही है। उन्होंने उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने ये इच्छा जाहिर कर दी है।राज्यपाल कोश्यारी ने अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य इत्मीनान की गतिविधियों में बिताने की इच्छा व्यक्त की है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपने कुछ विवादास्पद बयानों से चर्चा में आये भगत सिंह कोश्यारी का महाराष्ट्र में कुछ राजनीतिक दलों ने भारी विरोध किया था।
छत्रपति शिवाजी व ज्योतिबा फुले बाई समेत कुछ अन्य मसलों पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी सीधे तौर पर कई दलों के निशाने पर आ गए हैं। महाराष्ट्र की अस्मिता का सवाल बनाते हुए विपक्ष दलों ने दिसंबर माह में महाराष्ट्र बन्द व विरोध रैली का भी कार्यक्रम किया। इस दौरान शिवसेना व कांग्रेस काफी मुखर रहीं।
इन चर्चित बयानों पर भाजपा हाईकमान भी काफी पसोपेश में रहा। और महाराष्ट्र की विभूतियों और अस्मिता से जुड़े मामलों पर राज्यपाल कोश्यारी की टिप्पणी की गूंज दिल्ली तक भी गौर से सुनी गयी।
इस बीच, नयी पीढ़ी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को आदर्श मानने जैसे बयान के भाजपा के गलियारे में ही कई राजनीतिक मायने निकाले गए। हालांकि, बयानों से उपजे विवाद के बाद राज्यपाल कोश्यारी का गृह मंत्री को लिखा पत्र भी सुर्खियां बना।
इस पत्र में राज्यपाल कोश्यारी ने पद छोड़ने की पेशकश भी की थी।इधर, सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपनी बढ़ती उम्र ( 80) व सेहत का हवाला देते हुए वापस उत्तराखण्ड लौटना चाहते हैं।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के करीबी सूत्रों का कहना है कि इस प्रकरण पर कोश्यारी अपनी बात दिल्ली तक पहुंचा चुके हैं। और अब सम्भावना यह जतायी जा रही है कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह के बाद किसी भी दिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी प्रेस कांफ्रेंस कर अपने इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं।
भगत सिंह कोश्यारी 5 सितम्बर 2019 को मुंबई के राज्यपाल बने। इस अवधि में कई मौकों पर उत्तराखण्ड आते जाते रहे। सूत्रों का कहना है कि पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखण्ड में अपने गांव व अन्य गतिविधियों में समय बिताएंगे।
खुद की घोषणा
“संतों, समाज सुधारकों और वीर सेनानियों की भूमि महाराष्ट्र जैसे महान राज्य के राज्य सेवक या राज्यपाल के रूप में सेवा करना मेरे लिए पूर्ण सम्मान और सौभाग्य की बात है। पिछले 3 साल के दौरान महाराष्ट्र की जनता से जो प्यार और स्नेह मुझे मिला है, उसे मैं कभी नहीं भूल सकता।
माननीय प्रधानमंत्री की हाल की मुंबई यात्रा के दौरान, मैंने उन्हें सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने और अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य गतिविधियों में बिताने की अपनी इच्छा से अवगत कराया है।
मुझे हमेशा माननीय प्रधानमंत्री से प्यार और स्नेह मिला है और मुझे इस संबंध में भी ऐसा ही मिलने की उम्मीद है”
भगत सिंह कोश्यारी