स्थायी शिक्षक की तैनाती के लिए स्कूलों में अधिक पद रिक्त न होने पर ही अतिथि शिक्षकों को हटाया जाएगा। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस बाबत गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के अपर निदेशकों को निर्देश दिए। होली से पूर्व एक बार शिक्षा मंत्री अतिथि शिक्षकों के संबंध में बैठक भी करेंगे।
उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार और माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट के नेतृत्व में अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा में सोमवार को शिक्षा मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने मंत्री को बताया कि प्रदेश में वर्ष 2015-16 से अतिथि शिक्षक व्यवस्था लागू है।
राज्य के दूरदराज और दुर्गम के स्कूलों में अतिथि शिक्षक कई साल से सेवाएं दे रहे हैं लेकिन उनका भविष्य आज भी सुरक्षित नहीं है । स्थायी शिक्षक की नियुक्ति के साथ ही उन्हें हटा दिया जाता है। हालांकि अतिथि शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में समायोजन करने के निर्देश हैं, लेकिन उनका भी लाभ नहीं मिलता।
उन्होंने कहा कि अतिथि एलटी और प्रवक्ता कैडर की पूरी पात्रता रखते हैं। उनके भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए ठोस व्यवस्था की जाए। इसके तहत अतिथि शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति दी जाए। शिक्षा मंत्री ने नियमानुसार उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। तात्कालिक राहत के रूप में शिक्षा मंत्री ने दोनों मंडलों के अपर निदेशकों को फोन पर निर्देश दिए कि जिलों में रिक्त पदों की संख्या अधिक होने पर अतिथि शिक्षकों को उनके स्कूलों में बने रहने दिया जाए।स्थायी शिक्षकों को नियमानुसार दूसरों स्कूलों में तैनाती दी जाए। प्रतिनिधिमंडल में अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री दौलत जगूड़ी, कोषाध्यक्ष संजय नौटियाल,मीडिया प्रभारी पुनीत पंत, राकेश सिलवाल, प्रवीण भट्ट आदि शामिल रहे । अतिथि शिक्षकों ने ली सदस्यता माध्यमिक अतिथि शिक्षकों ने सोमवार को पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ से संबद्धता ले ली।
शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत से मुलाकात के बाद अतिथि शिक्षकों ने पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार, प्रदेश महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट से मुलाकात कर अपना ज्ञापन भी सौंपा।