प्रदेश के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में अब मरीजों को घंटों कतार में नहीं खड़ा रहना पड़ेगा. स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों में टोकन सिस्टम लागू करने जा रहा है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत ने यह सुविधा 14 अस्पतालों में शुरू की जाएगी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए बजट की स्वीकृति दे दी है.
मरीज जब पंजीकरण कराएगा, उसे टोकन दिया जाएगा
स्वास्थ्य सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि मरीज जब पंजीकरण कराएगा, उसे टोकन दिया जाएगा, जिस पर नंबर लिखा होगा. टोकन के हिसाब से जब भी मरीज का नंबर आएगा, इसे डिस्प्ले बोर्ड में दर्शाया जाएगा. डिस्प्ले बोर्ड पर नंबर देखकर वह चिकित्सक को दिखा लेगा. इस तरह चिकित्सक के कक्ष के बाहर उसे कतार में खड़ा नहीं होना पड़ेगा.
अभी मरीजों को पहले पर्चा बनवाने के लिए कतार में लगना पड़ता है. इसके बाद चिकित्सक के कक्ष के बाहर बारी आने का इंतजार करना होता है. बीमार मरीजों को घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता है, जिससे उनकी तकलीफ बढ़ जाती है. इस परेशानी को ध्यान में रखकर टोकन सिस्टम लागू किया जा रहा है. जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ अपने स्तर पर यह व्यवस्था लागू कर चुका है. ऐसे में 12 अन्य जिला चिकित्सालयों व दो उप जिला चिकित्सालयों में यह सुविधा शुरू की जाएगी.
सभी 13 जिलों में बर्थ वेंटिग होम
हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को प्रसव की संभावित तिथि से पूर्व बर्थ वेंटिग होम में रखे जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिल गई है. जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय देखभाल समय पर प्राप्त होगी. साथ ही संस्थागत प्रसव को भी बढ़ावा मिलेगा. राज्य के 13 जनपदों में स्थापित वन स्टाप सेंटर एवं वर्किंग वुमेन हास्टल में यह सुविधा शुरू की जाएगी.