अश्लील हरकतें करने के मामले में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने लिया यह फैसला

जूनियर क्रिकेटरों (किशोरियों) के साथ अश्लील बातें करने और गालियां देने के मामले में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) के पदाधिकारियों पर भी आंच आ रही है। पीड़िताओं ने नरेंद्र शाह पर तो अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया ही हैं। साथ ही दो अन्य पदाधिकारियों को भी संदेह के घेरे में खड़ा किया है।आरोप है कि नरेंद्र शाह उनसे एसोसिएशन के दो अन्य पदाधिकारी से संबंध बनाने का दबाव डालता था।

इन आरोपों पर नरेंद्र शाह के खिलाफ तो मुकदमा दर्ज हो गया है, लेकिन पदाधिकारियों पर लगे आरोपों की स्थिति शाह के बयानों पर निर्भर करती है। फिलहाल शाह का आईसीयू में इलाज चल रहा है। किशोरी से बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद नरेंद्र शाह ने जहर खा लिया था। करीब तीन दिनों तक कोई भी पीड़िता सामने नहीं आई। इसी बीच सोमवार दोपहर को एकाएक तीन तहरीरें पुलिस के पास पहुंच गईं। इनमें से एक पीड़ित किशोरी परिजनों के साथ एसएसपी से भी आकर मिली थी। इसके बाद किशोरी के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने नरेंद्र शाह के खिलाफ अश्लील हरकतें करने, पॉक्सो और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले की जांच सीओ मसूरी अनिल कुमार जोशी को दी गई है। इन आरोपों के बाद सीधे तौर पर नरेंद्र शाह को तो आरोपी बना लिया गया है, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर सीएयू के दो अन्य पदाधिकारियों पर भी आरोप लगाए गए हैं।

पीड़िता के परिजनों का कहना है कि नरेंद्र शाह बीते कई दिनों से उनकी बेटी के साथ बदनीयत से हरकतें कर रहा था। बार-बार जाति सूचक शब्दों में धमकियां भी देता था। इस दौरान दो अन्य पदाधिकारियों का नाम भी लिया जाता था। शाह कहता था कि उसकी ऊपर तक पहुंच है। उसने कई बार पीड़िता के शरीर पर हाथ लगाए। पीड़िता के पिता के अनुसार शाह उनकी बेटी से यह भी कहता था कि उसे दो अन्य पदाधिकारियों की शारीरिक जरूरतों को भी पूरा करना है।

पीड़िता के पिता के अनुसार शाह की पत्नी भी इन बातों से परिचित थीं, लेकिन उन्होंने भी कभी आवाज नहीं उठाई। यह बातें उनकी बेटी ने जब अपने सहपाठियों को बताईं तो उन्होंने भी अपने साथ हुई इस तरह की हरकतों की जानकारी दी।

एसएसपी दलीप सिंह कुंवर का कहना है कि नरेंद्र शाह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उसके पूरी तरह ठीक होने के बाद बयान दर्ज किए जाएंगे। जहां तक दूसरे लोगों के नाम की बात है तो इसके बारे में भी जांच की जा रही है। नरेंद्र शाह के बयानों के बाद ही बात साफ हो सकती है कि क्या वास्तव में वह किसी के दबाव में या किसी के लिए यह सब काम करता था। उन्होंने बताया कि मामले में एससी-एसटी की धाराएं भी हैं। लिहाजा, इसकी जांच पुलिस उपाधीक्षक अनिल जोशी को दी गई है।एसोसिएशन के संज्ञान में सभी बातें हैं। पदाधिकारियों का नाम पीड़िता ने अपनी तहरीर में लिखा है। इसके बारे में एसोसिएशन भी जांच करा रही है।
– विजय प्रताप मल्ला, प्रवक्ता, सीएयू

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