शौर्य महोत्सव मेला: सीएम धामी ने विभिन्न विकास योजनाओं का किया लोकार्पण व शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चेपडो थराली में अशोक चक्र विजेता शहीद भवानी दत्त जोशी की स्मृति में आयोजित शौर्य महोत्सव का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने शहीद भवानी दत्त जोशी के स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 16.50 करोड़ की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। उन्होंने हर वर्ष शौर्य महोत्सव मेला आयोजित किये जाने, शौर्य महोत्सव को राजकीय मेला घोषित करने के साथ ही कुलसारी मैदान में नदी कटाव हेतू बाढ सुरक्षा कार्य किए जाने, नारायणबगड व नन्दानगर में पार्किग, थराली अस्पताल का उच्चीकरण किये जाने, नन्दानगर में उपनिबन्धक की स्वीकृति, नारायणबगड व देवाल को आने वाले समय में नगर पंचायत बनाये जाने तथा नन्दा राज जात को भव्य बनाने के लिए विस्तृत योजना बनाये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने मा राजरजेश्वरी नन्दा देवी मंदिर को मानसखण्ड मंदिर माला मिशन से जोड़ने की भी बात कही।

मुख्यमंत्री ने ब्रहमताल,सुपताल झलताल को पर्यटन क्षेत्र में लाने के लिए विशेष योजना बनाये जाने, थराली में न्याय पंचायत स्तर पर महिला सेवा संग्रह केन्द्र तथा ग्रेडिंग पैकिंग यूनिट की योजना बनाये जाने, थराली, ग्वालदम डाक बंगले का जीर्णोद्धार किये जाने की भी इस अवसर पर घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शहीद भवानी दत्त जोशी ने असाधारण शौर्य, दृढ़ता, अनुकरणीय साहस और उच्चकोटि की असाधारण कर्तव्यपरायणता का परिचय देकर सेना की उच्चतम परंपराओं के लिए अपना बलिदान दिया। प्रथम विश्वयुद्ध हो, द्वितीय विश्व युद्ध हो, पेशावर कांड हो, देश की आजादी की लड़ाई हो या आजादी के बाद के युद्ध हों, उत्तराखंड की इस धरती के वीरों ने अग्रिम पंक्ति में रहकर अपना कौशल दिखाया है और अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। आज भी देवभूमि के नौजवानों की भारत माता की सेवा करना लक्ष्य रहता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते उन्होंने सैनिकों के संघर्ष को नजदीक से देखा है। वीर सैनिकों को सम्मानित कर हम स्वयं को सम्मानित महसूस करते हैं। हमारी सेना का मूल रूप से एक ही घोषवाक्य रहा है ’’राष्ट्र प्रथम’’ और इसके लिए हमारे जवान अपना सर्वस्व अर्पित करने को हमेशा तैयार रहते हैं। उत्तराखंड की देवभूमि ने लाखों वीर सैनिक इस देश को दिये हैं, जिन्होंने अपने अदम्य साहस से यह साबित किया है कि देवभूमि ना केवल समस्त विश्व को शांति का मार्ग दिखला सकती है, वरन शौर्य और वीरता को भी प्रदर्शित कर सकती है।

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