हरिद्वार लोकसभा- पूर्व सीएम हरीश कैसे करेंगे दिनेश की भरपाई
भाजपा के पूर्व सीएम स्वामी को हरा चुके हैं दिनेश
कांग्रेस ने कहा, डरा धमका रही भाजपा
देहरादून। कांग्रेस के जमाने में मंत्री, विधायक रहे नेताओं का पार्टी छोड़ छोड़ कर भाजपा में शामिल होने का सिलसिला जारी है। लेकिन इस दल बदल को सामान्य प्रक्रिया भी नहीं माना जा रहा। रविवार को इस कड़ी में देहरादून से कांग्रेसी नेता व पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल का नाम भी जुड़ गया। उम्र के इस मोड़ पर कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होना भी राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े कर रहा है। इधर, कांग्रेस के दिनेश अग्रवाल का कहना है कि जहां बड़े बुजुर्गों बड़ों को सम्मान नहीं वह जगह छोड़ देना बेहतर।
इस दल बदल के दौरान कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारक दिनेश अग्रवाल को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित भी कर दिया।गौरतलब है कि दिनेश अग्रवाल ने 2002 व 2007 में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री रहे नित्यानंद स्वामी को दो बार हराया भी है।दिनेश अग्रवाल लम्बे समय से कांग्रेस की राजनीति कर रहे हैं। 2016 की कांग्रेस में हुई बड़ी टूट के समय भी अग्रवाल हरीश रावत के साथ खड़े रहे। लेकिन लोकसभा चुनाव के मतदान के लगभग दस दिन पहले उनके इस कदम से हरिद्वार लोकसभा के समीकरण भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
हरिद्वार में चुनौती और बढ़ी
हरिद्वार में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत व हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत के बीच कड़ा मुकाबला है। कई जातिगत समीकरणों में उलझी हरिद्वार सीट पर त्रिवेंद्र रावत के राजनीतिक भविष्य का फैसला भी होना है। ऐसे में दिनेश अग्रवाल का भाजपा से जुड़ना त्रिवेंद्र के कागजी समीकरणों को मजबूती तो दे रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर भाजपा को यह बदलाव कितना वोटों में तब्दील करेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
कांग्रेस ने कहा, डरा धमका रही भाजपा
इस बीच, पंचायत व निकाय से जुड़े काफी नेता व कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़ गए। बद्रीनाथ सीट से कांग्रेस के विधायक राजेन्द्र भण्डारी के दल बदल ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी। इनकी पत्नी रजनी भण्डारी के जिला पंचायत अध्यक्ष के कार्यों की शासन स्तर पर जांच जारी है। भण्डारी एक दिन पहले तक कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को गढ़वाल का शेर बता रहे थे। और अगले दिन दिल्ली जाकर भाजपा में शामिल हो गए।
कांग्रेस के अध्यक्ष करन मेहरा का कहना है कि भाजपा ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई व अन्य एजेंसियों का दबाव बना कर कांग्रेस नेताओं को डरा धमका कर भाजपा में शामिल करवा रही है।