खेल विभाग ने सुध नहीं ली तो खिलाड़ियों ने खुद ही उठाए फावड़े उठाए और श्रमदान किया और मैदान को सुधारा। श्रमदान करने वालों में ओलंपियन परमजीत सिंह भी शामिल रहे। खिलाड़ियों का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से चुनाव के दौरान खेल मैदान से सैकड़ों वाहनों की आवाजाही करवाई गई, लेकिन चुनाव निपटने के बाद मैदान को उसके हाल पर छोड़ दिया।
चमोली जनपद के एकमात्र खेल मैदान में रेस ट्रैक बदहाल स्थिति में था। जिससे यहां बच्चे दौड़ नहीं पा रहे थे। जिसे देखते हुए विभिन्न खेलों के अभ्यास के लिए मैदान में पहुंचे स्थानीय खिलाड़ियों ने ट्रैक को सुधारने के लिए श्रमदान किया। जिसके बाद यहां जनपद स्तरीय विद्यालयी खेलकूद प्रतियोगिता के साथ ही खेल विभाग की ओर से आयोजित की जाने वाली खेल गतिविधियां शुरू करवाई गई।
स्थानीय हरि प्रसाद ममगाईं और दीवान सिंह का कहना है कि जिला मुख्यालय का यह एकमात्र खेल गतिविधियों का केंद्र है। प्रशासन को इसके रखरखाव पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
जिला खेल अधिकारी गिरीश चंद्र का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से खेल मैदान के सुधारीकरण का आश्वासन दिया गया है। जल्द ही मैदान को पूरी तरह से चुस्त-दुरुस्त बना लिया जाएगा।
नगर के बीचोंबीच स्थित इस खेल मैदान ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं। वॉक रेसर मनीष, मानषी नेगी और परमजीत सिंह ने इसी मैदान में दौड़कर वॉक रेस में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवाया है।
ओलंपियन परमजीत सिंह का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों की खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए खेल मैदान होना बेहद जरूरी है। गोपेश्वर खेल मैदान से चुनावी गतिविधियों का संचालन नहीं किया जाना चाहिए।