उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में एक नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में एक युवक को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। यह फैसला यहां की एक पॉक्सो अदालत ने सुनाया। बताया जा रहा है कि आरोपी एक पेशेवर क्रिकेटर है और साल 2022 में कथित अपराध को अंजाम देने के समय उसकी उम्र 18 साल थी।
यौन अपराधों के विरुद्ध बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अदालत की विशेष न्यायाधीश अर्चना सागर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण) के तहत आरोपी को दोषी करार दिया और जेल की सजा के साथ ही उस पर 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया।
मामले में दोषी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता शैलेंद्र नाथ ने बताया कि अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता को एक लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया है। नाथ ने बताया कि वह एक सप्ताह में उत्तराखंड हाई कोर्ट के सामने फैसले को चुनौती देंगे।
नाथ के अनुसार, अदालत ने 7 अक्टूबर, 2024 को अपना फैसला सुनाया था। अदालत के रिकॉर्ड में आया कि दोषी ने लड़की को नशीला पदार्थ दिया था, जिसके बाद में लड़की ने खुद को बस में उसके बगल में बैठा हुआ पाया था। उसे कथित तौर पर अगवा कर लिया गया और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश ले जाया गया, जहां उसे कथित तौर पर उसकी इच्छा के विरुद्ध कुछ दिनों तक रखा गया।
अदालत ने बलात्कार की आशंका को खारिज करते हुए आरोपी को इस आरोप से बरी कर दिया और कहा कि पीड़िता की मेडिकल जांच से इस बात की पुष्टि नहीं हुई। हालांकि अपहरण के मामले में कोर्ट ने आरोपी को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।