फर्जी शैक्षिक दस्तावेज लगाकर एक युवक ने पाई आईआईटी रुड़की में ड्राइवर की सरकारी नौकरी

गोपनीय शिकायत पर सीबीआई ने आरोपी का फर्जीवाड़ा पकड़ लिया। उसके खिलाफ सीबीआई देहरादून शाखा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिसकी जांच की जा रही है। आरोपी इससे पहले आईआईटी रुड़की में आउटसोर्स के जरिए ड्राइवर की एक नवंबर 2016 से नौकरी कर रहा था।

सीबीआई देहरादून शाखा में दर्ज हुई एफआईआर के अनुसार सचिन राठी निवासी जवाहर नवोदय विद्यालय के पास मुजफ्फरनगर ने आईआईटी रुड़की में ग्रुप सी के अंतर्गत ग्रेड-दो चालक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की। उसने मार्कंडेय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामपुर से खुद को वर्ष 2013 में दसवीं पास दिखाया। जिसमें जन्मतिथि 25 नवंबर 1996 दर्ज थी। सीबीआई ने शिकायत पर जांच की तो पता लगा कि सचिन राठी ने वर्ष 2005 में जनता इंटर कॉलेज हरसोली, मुजफ्फरनगर से दसवीं पास की। जिसमें उनकी जन्मतिथि 25 नवंबर 1988 दर्ज है। जांच में सामने आया कि ड्राइवर पद पर नौकरी के लिए तय आयु से आरोपी की आयु अधिक थी। इसलिए उसने दूसरा प्रमाण पत्र कम उम्र का बनाया। जिससे नौकरी मिल गई। सरकारी नौकरी के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में सचिन राठी के खिलाफ केस दर्ज किया है। जहां से दूसरा प्रमाण पत्र जारी किया, उस संस्थान की सीबीआई जांच करेगी।

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