मुख्यमंत्री धामी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दी शुभकामनाएं

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: सशक्तिकरण के प्रति उत्तराखंड सरकार की प्रतिबद्धता

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों, विशेष रूप से मातृशक्ति को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि महिला दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि यह महिलाओं के संघर्ष, उपलब्धियों और समाज में उनके योगदान को सम्मान देने का अवसर है। मातृशक्ति के सहयोग के बिना किसी भी समाज अथवा राष्ट्र का संपूर्ण विकास नहीं हो सकता। भारतीय संस्कृति में शक्ति की पूजा की जाती रही है, और महिलाओं को समाज की मार्गदर्शक व प्रेरणा का स्रोत माना गया है। महिला दिवस के अवसर पर उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और रोजगार के क्षेत्रों में और अधिक अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है, जिससे वे हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें और आत्मनिर्भर बनें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के बेहतर भविष्य के लिए उनका वर्तमान संवारने के लिए राज्य सरकार द्वारा कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। महिला दिवस के इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उनके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और समाज में उनकी भूमिका को और मजबूत करना है। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं रोजगार के क्षेत्र में निरंतर कार्य किया जा रहा है ताकि वे हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।

महिला दिवस

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला दिवस के अवसर पर यह दोहराना आवश्यक है कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार कई बड़े फैसले ले रही है। सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत तथा उत्तराखंड सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण का प्रावधान किया गया है। यह पहल महिलाओं को अधिक अवसर प्रदान करने और उन्हें सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अतिरिक्त, महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने हेतु विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है।

प्रदेश में अब तक 1 लाख लखपति दीदी बनाई जा चुकी हैं और अगले वर्ष तक इस लक्ष्य को बढ़ाकर 2.50 लाख करने का संकल्प लिया गया है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में अत्यंत प्रभावी साबित हो रही है। महिला दिवस के इस महत्वपूर्ण दिन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत है और इस योजना के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का एक बड़ा अवसर मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने समान नागरिक संहिता लागू कर राज्य की जनता से किया वादा पूरा किया है। यह महिलाओं के सम्मान से जुड़ा कानून भी है, जो उन्हें समान अधिकार और सुरक्षा प्रदान करता है। महिला दिवस के अवसर पर उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य सरकार महिलाओं के कानूनी अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनके हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठा रही है।

महिला दिवस

इसके अलावा, महिलाओं के कौशल विकास के लिए अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे वे विभिन्न व्यवसायों और उद्योगों में अपनी भागीदारी बढ़ा सकें। महिला दिवस के इस खास मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए उन्हें स्वरोजगार एवं उद्यमिता की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों, महिला उद्यमियों और कुटीर उद्योगों को समर्थन देकर राज्य सरकार महिलाओं की वित्तीय स्थिति को सशक्त बना रही है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी महिलाओं को उनके संघर्ष, समर्पण और आत्मनिर्भरता के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महिला दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके योगदान को सम्मान देने का अवसर भी है। महिलाओं की भूमिका किसी भी समाज की प्रगति और समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। वे केवल परिवार की धुरी ही नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। राज्य सरकार महिलाओं के सर्वांगीण विकास और सशक्तिकरण के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है और इसी दिशा में अनेक योजनाएं एवं नीतियां लागू की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक नीतिगत निर्णय नहीं, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक प्रगति का आधार है। जब महिलाएं शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर होती हैं, तो पूरा समाज उन्नति की ओर अग्रसर होता है। सरकार द्वारा महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वरोजगार, उद्यमिता और नेतृत्व के क्षेत्रों में आगे बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। सरकारी नौकरियों में आरक्षण से लेकर सहकारी समितियों में भागीदारी तक, महिलाओं को हर क्षेत्र में विशेष अवसर दिए जा रहे हैं ताकि वे अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग कर सकें।

उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को वित्तीय सहायता दी जा रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने परिवार के साथ-साथ समाज की आर्थिक स्थिति को भी सशक्त बना सकें। महिला दिवस के इस अवसर पर ‘लखपति दीदी’ योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश में लाखों महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, और आने वाले वर्षों में इस संख्या को और अधिक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि समान नागरिक संहिता लागू कर सरकार ने महिलाओं के सम्मान और अधिकारों की रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इससे महिलाओं को कानूनी रूप से समान अधिकार मिलेंगे और वे अपने जीवन को अधिक सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से जी सकेंगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करना भी है, ताकि प्रत्येक महिला को उनका वास्तविक लाभ मिल सके। महिला दिवस पर उन्होंने प्रदेश की महिलाओं को यह विश्वास दिलाया कि सरकार उनके अधिकारों, सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए हर संभव प्रयास जारी रखेगी। महिला सशक्तिकरण के माध्यम से ही समाज और राष्ट्र की प्रगति संभव है, और इसी दिशा में राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत रहेगी।

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