उत्तराखण्ड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने की तैयारी

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तराखण्ड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौंदर्य और यहाँ की शांत वादियाँ इसे विवाह के लिए एक उपयुक्त स्थल बनाती हैं। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से त्रियुगी नारायण क्षेत्र में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और वहाँ एक आधुनिक हेलीपैड के निर्माण का आदेश दिया, जिससे विवाह आयोजन के लिए आने वाले मेहमानों को सुविधाजनक यात्रा अनुभव प्राप्त हो।

राज्य में नई वेडिंग डेस्टिनेशन की होगी पहचान

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए नए स्थानों की पहचान की जाए और उनके विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाए। उन्होंने इस संदर्भ में पर्यटन विभाग को निर्देश दिया कि वे उत्तराखण्ड के विभिन्न जिलों में ऐसे स्थलों का सर्वेक्षण करें जो विशेष रूप से विवाह आयोजनों के लिए अनुकूल हों। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं देशवासियों से उत्तराखण्ड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्राथमिकता देने का आग्रह किया है, जिससे राज्य को पर्यटन और आर्थिक दृष्टि से बड़ा लाभ हो सकता है।

डेस्टिनेशन वेडिंग से राज्य की आर्थिकी को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौंदर्य और यहाँ की आधुनिक सुविधाएँ इसे एक प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने में सहायक हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि विवाह आयोजन के लिए उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटक न केवल राज्य के पर्यटन उद्योग को सशक्त बनाएंगे बल्कि स्थानीय व्यवसाय, होटल उद्योग, परिवहन एवं अन्य संबंधित क्षेत्रों को भी आर्थिक रूप से लाभ पहुँचाएँगे।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि डेस्टिनेशन वेडिंग को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएँ तैयार की जाएँ। इसमें विवाह स्थलों के लिए विशेष पैकेज, विवाह आयोजन के लिए अनुमति प्रक्रियाओं को सरल बनाना और प्रचार-प्रसार की रणनीति बनाना शामिल है। उन्होंने पर्यटन विभाग को ‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड’ के लिए शीघ्र गाइडलाइन तैयार करने के निर्देश दिए ताकि विवाह आयोजनों को राज्य में आकर्षित किया जा सके।

त्रियुगी नारायण: विशेष वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की भव्य योजना

उत्तराखंड सरकार त्रियुगी नारायण को एक विशेष डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल के रूप में विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना बना रही है। यह स्थान हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है, क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह यहीं संपन्न हुआ था। इसी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, इसे एक भव्य विवाह स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।

विकास की प्राथमिक योजनाएँ

राज्य सरकार ने इस क्षेत्र को एक आकर्षक वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ बनाई हैं:

  1. सड़क और परिवहन सुविधा
    त्रियुगी नारायण तक पर्यटकों और विवाह आयोजकों की आसान पहुँच सुनिश्चित करने के लिए सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जाएगा। इसके तहत नई सड़कों का निर्माण और पुरानी सड़कों का चौड़ीकरण किया जाएगा, जिससे यहां आने-जाने में कोई दिक्कत न हो।

  2. होटल और रिसॉर्ट्स का निर्माण
    विवाह आयोजन के लिए बेहतर आवास सुविधा आवश्यक होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में नए होटल, रिसॉर्ट्स और गेस्ट हाउस बनाए जाएंगे। सरकार निजी निवेशकों को भी इस दिशा में प्रोत्साहित कर रही है ताकि विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त विवाह स्थल तैयार किया जा सके।

  3. आधारभूत संरचना का विकास
    विवाह आयोजनों के लिए मंडप, विवाह हॉल, सजावट, खानपान और अन्य आवश्यक सुविधाओं के विकास की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा, पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए विशेष स्थानों की व्यवस्था की जाएगी, ताकि विवाह आयोजनों में आध्यात्मिकता और परंपराओं का सम्मिलन हो सके।

  4. हेलीपैड निर्माण और हवाई सुविधा
    त्रियुगी नारायण में आने वाले मेहमानों और विशेष अतिथियों के लिए हेलीपैड का निर्माण किया जाएगा। इससे उच्च-स्तरीय मेहमानों और विवाह में शामिल होने वाले परिवारों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी और वे हवाई मार्ग से सीधे यहाँ पहुँच सकेंगे।

  5. पर्यटन और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा
    इस योजना से न केवल त्रियुगी नारायण को एक लोकप्रिय वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान मिलेगी, बल्कि इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। होटल व्यवसाय, परिवहन, पर्यटन मार्गदर्शक, फूल सजावट, खानपान और अन्य संबंधित सेवाओं में रोजगार सृजित किए जाएंगे।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को संरक्षित करने पर जोर

सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि इस क्षेत्र के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बरकरार रखा जाए। पर्यटन और विवाह आयोजन के लिए किए जाने वाले सभी विकास कार्यों में पर्यावरण और परंपराओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग हब बनाने की दिशा में कदम

उत्तराखंड, जो पहले से ही अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध है, अब डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए भी एक प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। त्रियुगी नारायण को एक विशेष विवाह स्थल के रूप में विकसित करने की यह योजना उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग हब बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

सरकार की इस पहल से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। आने वाले वर्षों में यह स्थान भव्य और पारंपरिक हिंदू विवाहों के लिए देश-विदेश के लोगों की पहली पसंद बन सकता है।

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बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद

इस महत्वपूर्ण बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरूगेशन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय और आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप उपस्थित रहे। इन सभी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के निर्देशों को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कार्यवाही की रूपरेखा तैयार करने पर सहमति जताई।

राज्य सरकार के इस कदम से उत्तराखण्ड को पर्यटन एवं विवाह आयोजन के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलेगी। आने वाले समय में यह राज्य न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए बल्कि अपने विशेष वेडिंग डेस्टिनेशन्स के लिए भी विश्वभर में प्रसिद्ध हो सकता है।

 

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