कार्तिक स्वामी मंदिर में पीएमओ की टीम, यात्री सुविधाओं के विस्तार की संभावनाएं तलाशीं
देवभूमि उत्तराखंड में स्थित प्रसिद्ध कार्तिक स्वामी मंदिर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास तेज हो गए हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की टीम ने मंदिर का दौरा कर यहां यात्री सुविधाओं के विस्तार की संभावनाओं का जायजा लिया।
भगवान शिव और माता पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय की तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध यह मंदिर देश-विदेश के पर्यटकों और श्रद्धालुओं की पहली पसंद बनता जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए पीएमओ की दो सदस्यीय टीम ने जिला अधिकारियों के साथ मिलकर मंदिर परिसर और पैदल मार्ग का निरीक्षण किया।
मंदिर में सुविधाओं का विस्तार होगा
मंदिर रुद्रप्रयाग-चोपता-पोखरी मोटर मार्ग पर जिला मुख्यालय से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित है। कनकचौंरी से मंदिर तक साढ़े चार किमी का घना वन क्षेत्र यात्रियों के लिए एक सुंदर और रोमांचक मार्ग प्रदान करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए पीएमओ की टीम ने यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया।
हर साल मई-जून में दक्षिण भारतीय श्रद्धालु भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) की विशेष पूजा करते हैं, जिससे यहां धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा मिल रहा है। श्रद्धालुओं को और सुविधाएं देने के लिए सरकार भी प्रयासरत है।
तकनीकी विकास और यात्री सुरक्षा पर जोर
मंदिर को जल्द ही वायरलेस सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे हर परिस्थिति में संपर्क बना रहे। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और आपातकालीन संचार सुविधा को मजबूत करेगा।
रोपवे और धर्मशाला निर्माण की मांग
कार्तिक स्वामी मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कनकचौंरी से मंदिर तक रोपवे बनाने की मांग रखी है, जिससे मंदिर तक पहुंचना और आसान हो सके। साथ ही, पेयजल व्यवस्था और रात्रि विश्राम के लिए धर्मशाला के निर्माण की आवश्यकता भी बताई गई।
प्रशासन का सहयोग
पीएमओ टीम के साथ जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार और उप जिलाधिकारी आशीष चंद्र घिल्डियाल भी मौजूद रहे। उन्होंने मंदिर के दर्शन कर स्थानीय सुविधाओं का निरीक्षण किया और सुधार के लिए जरूरी सुझाव दिए।
यह पहली बार है जब पीएमओ स्तर की टीम ने इस पवित्र स्थल का दौरा किया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि कार्तिक स्वामी मंदिर को राष्ट्रीय स्तर पर तीर्थाटन और पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने के प्रयासों को नई गति मिल रही है।