मंदिर के 30 मीटर के दायरे में मोबाइल-कैमरा प्रतिबंध, रील बनाने पर होगी कार्रवाई, नियम तोड़ने पर सख्त सजा
श्रीबदरीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति ने इस बार केदारनाथ धाम में सख्त नियम लागू किए हैं। समिति ने परिसर में रील बनाने, वीडियो शूट करने और फोटोग्राफी को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। अब 30 मीटर के दायरे में किसी भी श्रद्धालु को मोबाइल और कैमरा ले जाने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए परिसर में सघन चेकिंग की व्यवस्था की जा रही है, जिसमें पुलिस और प्रशासन की भी मदद ली जाएगी।
समिति का कहना है कि केदारनाथ धाम की पवित्रता, गरिमा और धार्मिक महत्व को बनाए रखना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बीते वर्षों में सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें अनुचित गतिविधियां देखने को मिली थीं। इससे न केवल धाम की पवित्रता प्रभावित हुई, बल्कि समिति की छवि भी धूमिल हुई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष यात्रा के दौरान किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी।
सख्त नियम लागू, सघन चेकिंग होगी
श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने दो मई से शुरू होने वाली यात्रा को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इस बार किसी भी यात्री को सोशल मीडिया से जुड़े उपकरण जैसे मोबाइल और कैमरा ले जाने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया जा रहा है। मंदिर के मुख्य द्वार और आसपास के क्षेत्रों में आईटीबीपी, पुलिस बल और समिति के कर्मचारी तैनात रहेंगे, ताकि नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने कहा, “हमारी पहली प्राथमिकता धाम की गरिमा को बनाए रखना और श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित करना है। परिसर में रील और वीडियो बनाने की सख्त मनाही है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। किसी भी यात्री को अंदर मोबाइल और कैमरा ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
पिछले साल विवादों में रहा था केदारनाथ धाम
पिछले वर्ष यात्रा के दौरान कई विवाद सामने आए थे। यात्रा शुरू होने के बाद से ही परिसर और आसपास के क्षेत्रों में कई वीडियो वायरल होते रहे, जिनमें कुछ अनुचित दृश्य भी शामिल थे। सोशल मीडिया पर इन वीडियो के आने से समिति की छवि प्रभावित हुई थी और धार्मिक आस्था से जुड़े लोगों में भी नाराजगी देखी गई थी।
इसके अलावा, यात्रा के दौरान श्रद्धालु सेल्फी लेने और वीडियो शूट करने में व्यस्त रहते थे, जिससे दर्शन व्यवस्था प्रभावित होती थी। कई बार भीड़भाड़ के कारण अव्यवस्था फैल जाती थी, जिससे अन्य श्रद्धालुओं को परेशानी होती थी। इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष समिति ने यात्रा शुरू होने से पहले ही सख्त नियम लागू कर दिए हैं।
श्रद्धालुओं से अपील
समिति ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इन नियमों का पालन करें और धाम की गरिमा बनाए रखने में सहयोग दें। समिति का कहना है कि यह एक पवित्र स्थल है, जहां अनुशासन और मर्यादा का पालन करना सभी का दायित्व है।
इसके साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह प्रतिबंध केवल मंदिर परिसर तक सीमित रहेगा। श्रद्धालु बाहर अन्य स्थानों पर मोबाइल और कैमरा का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन 30 मीटर के दायरे में प्रवेश करते समय उन्हें इन उपकरणों को सुरक्षित स्थान पर जमा करना होगा। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए पास में विशेष काउंटर भी बनाए जाएंगे।
नियमों के उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
मंदिर समिति ने चेतावनी दी है कि अगर कोई श्रद्धालु इन नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पुलिस और आईटीबीपी को विशेष निर्देश दिए गए हैं। पूरे परिसर में लगातार निगरानी रखी जाएगी और किसी भी तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंदिर समिति ने स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध धार्मिक स्थल की पवित्रता बनाए रखने और श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन उपलब्ध कराने के लिए लगाया गया है। इसलिए सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे इन नियमों का पालन करें और यात्रा को शांतिपूर्ण और भक्तिमय बनाने में सहयोग करें।