जयंती पर याद किए गए डॉ. सर्वानंद नौटियाल

नौटियाल

“मानवीय चिकित्सक सर्वानंद नौटियाल” पुस्तक का विमोचन

देहरादून उत्तराखंड के प्रख्यात चिकित्सक किंतु प्रचार से कोसों दूर रह कर पीड़ित मानवता की सेवा के पर्याय डॉ. सर्वानंद नौटियाल को श्रद्धा के साथ याद किया गया। दून लाइब्रेरी में आयोजित समारोह का आयोजन शिक्षाविद सच्चिदानंद नैनवाल तथा उनकी सहधर्मिणी श्रीमती कल्पेश्वरी नैनवाल ने किया था। श्री एवं श्रीमती नैनवाल द्वारा संपादित “मानवीय चिकित्सक सर्वानंद नौटियाल” पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर दून के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. जयंती प्रसाद नवानी मुख्य अतिथि थे, जबकि समारोह की अध्यक्षता डॉ. सुशील कुमार बहुगुणा ने की।

अपने संबोधन में डॉ. नवानी ने डॉ. नौटियाल को बेहद संवेदनशील अपनी जड़ों से जुड़ा चिकित्सक बताते हुए कहा कि उनकी सेवाओं को लंबे समय तक याद किया जाएगा। उन्होंने डॉ. नौटियाल के साथ के संस्मरण साझा करते हुए कहा कि ऐसे चिकित्सक आज के दौर में ज्यादा प्रासंगिक हैं जो अपने सुख को त्याग कर पीड़ित मानवता की सेवा को प्राथमिकता देते हैं।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. सुशील बहुगुणा ने डॉ. नौटियाल की योग्यता की प्रशंसा करते हुए कहा कि सेवा को ही परम धर्म मानने वाले डॉ. नौटियाल का नाम एक प्रकाश स्तंभ की तरह है।

इससे पूर्व शिक्षाविद सच्चिदानंद नैनवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए डॉ. नौटियाल के जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला और और कविता के माध्यम से उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। समारोह के मुख्य वक्ता और वायु सेना के अवकाश प्राप्त अधिकारी योगेश्वर प्रसाद नैनवाल ने भगवद्गीता और उपनिषदों के उद्धरण देते हुए डॉ. सर्वानंद नौटियाल को निष्काम कर्मयोगी निरूपित करते हुए कहा कि आज समाज को ऐसे सेवाभावी लोगों की पहले से कहीं अधिक जरूरत है। सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक गीता प्रसाद नैनवाल, भारतीय सूचना सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी धूम सिंह रावत ने उन्हें उदार मानव बताया।

मेघदूत नाट्य संस्था के संस्थापक एस. पी. ममगाईं ने डॉ. नौटियाल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि डॉ. नौटियाल अपने पेशे के प्रति जितना समर्पित थे, उतने ही संस्कृति के प्रति भी संवेदनशील थे। यही कारण था कि करीब दो दशक से अधिक समय तक वे मेघदूत नाट्य संस्था के कोषाध्यक्ष पद का निर्वहन करते रहे। 20 अप्रैल 2023 को उनके निधन से मेघदूत संस्था को अपूरणीय क्षति पहुंची है। उन्होंने डॉ. नौटियाल के साथ कई संस्मरण भी साझा किए।

सेवानिवृत्त मुख्य वन संरक्षक विनोद उनियाल तथा मेरठ मेडिकल कॉलेज में डॉ. नौटियाल के सीनियर डॉ. चंदोला ने अपने संस्मरण साझा किए जबकि रंगकर्मी और वायुसेना के अवकाश प्राप्त अधिकारी उत्तम बन्दूनी ने हाल में मंचित नाटक अमर तिलोगा के कुछ अंशों का वाचन किया।

कार्यक्रम का संचालन दून लाइब्रेरी के चंद्रशेखर तिवारी और वरिष्ठ पत्रकार दिनेश शास्त्री ने किया। शिक्षाविद श्रीमती कल्पेश्वरी नैनवाल ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने डॉ. सर्वानंद नौटियाल पर लिखी अपनी रचना का काव्य पाठ भी किया। समारोह में बड़ी संख्या में चिकित्सा, शिक्षा, संस्कृति और साहित्य से जुड़े विभिन्न वर्गों के लोग उपस्थित थे। सभी आगंतुकों ने डॉ. सर्वानंद नौटियाल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की

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