अतिक्रमण हटाने गई प्रशासन की टीम का ग्रामीणों ने किया विरोध

अतिक्रमण

भीमावाला में अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासनिक टीम का ग्रामीणों ने किया जोरदार विरोध, माहौल हुआ तनावपूर्ण

विकासनगर उत्तराखंड के विकासनगर क्षेत्र के भीमावाला गांव में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासनिक टीम को ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। टीम जैसे ही अतिक्रमित भूमि को खाली कराने पहुंची, ग्रामीण एकजुट होकर सामने आ गए और कार्रवाई का विरोध करने लगे। देखते ही देखते वहां भारी हंगामा हो गया।

प्रशासन द्वारा विकासनगर क्षेत्र में लगभग 12.50 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। यह अभियान हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद शुरू किया गया है, जिसमें ढांग, नाले और खालों पर किए गए अवैध कब्जों को हटाने के स्पष्ट आदेश दिए गए हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि जिन जमीनों पर वे वर्षों से रह रहे हैं, उनका पट्टा उनके पास मौजूद है। उनका सवाल है कि जब सरकार ने उन्हें पट्टा जारी किया है, तो अब उनके घरों को कैसे अवैध कहा जा सकता है? विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के उन्हें बेघर करना अन्याय है।

उल्लेखनीय है कि यह कार्रवाई उर्मिला थापा और अन्य लोगों द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के आदेशों के तहत की जा रही है। अदालत ने साफ कहा है कि खाल, नाले और अन्य प्राकृतिक जलमार्गों पर हुए अवैध निर्माणों को हटाया जाए। शासन को 15 अप्रैल तक हाईकोर्ट में इस संबंध में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करनी है, जिसके चलते प्रशासन दबाव में आकर तेजी से कार्रवाई कर रहा है।

हालांकि, विरोध को देखते हुए मौके पर पुलिस बल को भी तैनात किया गया, जिससे हालात बिगड़ने से बच सके। प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से शांतिपूर्ण सहयोग की अपील की और कहा कि जिनके पास वैध दस्तावेज हैं, उनकी जांच की जाएगी और उचित समाधान निकाला जाएगा।

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कई सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने भी हस्तक्षेप किया और प्रशासन से अनुरोध किया कि वह मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए कार्रवाई को अंजाम दे। स्थानीय नेताओं का कहना है कि अतिक्रमण हटाने से पहले प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक पुनर्वास की व्यवस्था दी जानी चाहिए, ताकि गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को अनायास बेघर न होना पड़े। इस मामले ने अब राजनीतिक रंग भी लेना शुरू कर दिया है, और आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और अधिक गरमा सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here