चारधाम यात्रा से पहले 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती

यात्रा

चारधाम यात्रा से पहले धामी सरकार का फैसला: उत्तराखंड में 45 विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात

एनेस्थीसिया, सर्जरी, स्त्री रोग, बाल रोग समेत विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ होंगे तैनात; पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं होंगी सशक्त, यात्रियों और स्थानीय जनता को मिलेगा लाभ

देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के शुभारंभ से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त और उन्नत बनाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर के विभिन्न जिलों में 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं। यह निर्णय राज्य के विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने और विशेष रूप से चारधाम यात्रा के दौरान बढ़े हुए श्रद्धालुओं के दबाव को संभालने के उद्देश्य से लिया गया है।

आदेश संख्या 293157/2025 के तहत नियुक्त किए गए विशेषज्ञ डॉक्टरों को जिला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अपनी सेवाएँ देने के लिए कहा गया है। इनमें प्रमुख विशेषज्ञताओं में सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग (OBS & Gynae), एनेस्थीसिया, बाल रोग (Pediatrics), नेत्र रोग (Ophthalmology), कान-नाक-गला (ENT), फॉरेंसिक मेडिसिन और जनरल मेडिसिन के डॉक्टर शामिल हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। इन विशेषज्ञ चिकित्सकों को विभाग द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट (PG) प्रशिक्षण के बाद तैनात किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रशिक्षण और अनुभव प्राप्त हो

चारधाम यात्रा के मद्देनजर, जब लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड में आते हैं, यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की चिकित्सा आपातकाल स्थिति में स्थानीय स्तर पर त्वरित और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सकें। इससे न केवल यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि राज्य की स्थानीय जनता भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेगी।

पर्वतीय जिलों में सुधार: स्वास्थ्य सचिव ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति से पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों के अस्पतालों को विशेष रूप से बड़ी राहत मिलेगी। अब तक, इन क्षेत्रों में कई अस्पतालों में विशेषज्ञ सेवाओं का अभाव था, जिससे मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। लेकिन अब सर्जरी, एनेस्थीसिया, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल रोग और नेत्र रोग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेषज्ञ सेवाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगी। इससे खासकर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा।

विशेषज्ञताओं के अनुसार नियुक्ति का विवरण इस प्रकार है:
  1. एनेस्थीसिया (Anaesthesiology): 12 डॉक्टर

  2. सर्जरी (General Surgery): 5 डॉक्टर

  3. बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrics): 4 डॉक्टर

  4. स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ (OBS & Gynae): 4 डॉक्टर

  5. कान-नाक-गला (ENT): 5 डॉक्टर

  6. नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmology): 2 डॉक्टर

  7. फॉरेंसिक मेडिसिन (MD Forensic Medicine): 1 डॉक्टर

  8. जनरल मेडिसिन व अन्य: 10 डॉक्टर

इन विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और हरिद्वार जैसे पहाड़ी जिलों में की गई है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की मांग सबसे ज्यादा होती है। इसके अलावा, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हाई-एल्टीट्यूड मेडिसिन, कार्डियक इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर के लिए भी अतिरिक्त प्रबंध किए गए हैं, ताकि इन इलाकों में आने वाली चिकित्सा आपातकाल की स्थिति से निपटा जा सके।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी नियुक्त चिकित्सकों को शीघ्र कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में उठाया गया यह कदम राज्य के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है यह विशेष रूप से यात्रा काल के दौरान चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने और दूरदराज इलाकों में स्थानीय स्तर पर विशेषज्ञ उपचार उपलब्ध कराने के लिए कारगर साबित होगा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here