ऊर्जा समृद्धि की राह पर उत्तराखंड की नई पहल

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जलशक्ति मंत्री से की भेंट, आठ जलविद्युत परियोजनाओं के लिए मांगी केंद्र से मंजूरी और सहयोग

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नई दिल्ली उत्तराखंड के ऊर्जा विकास और सतत आर्थिक वृद्धि को नई दिशा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में भारत सरकार के जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल से शिष्टाचार भेंट की। इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में जलविद्युत उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं को स्वीकृति देने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ये जलविद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। प्रस्तावित आठ परियोजनाओं में 647 मेगावाट की कुल सात और 114 मेगावाट की एक परियोजना शामिल है। इन परियोजनाओं के माध्यम से राज्य में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को मजबूती मिलेगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

सेला उर्थिंग परियोजना को स्वीकृति की मांग

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से पिथौरागढ़ जिले में प्रस्तावित 114 मेगावाट क्षमता की सेला उर्थिंग जलविद्युत परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह परियोजना धौलीगंगा नदी पर स्थित है, जो कि उत्तराखंड राज्य की सीमाओं के भीतर होने के बावजूद गंगा बेसिन का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि चूंकि राज्य में गंगा और उसकी सहायक नदियों के अलावा अन्य नदी घाटियों पर जलविद्युत परियोजनाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं है, इसलिए सेला उर्थिंग परियोजना को तत्काल स्वीकृति दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि इस परियोजना को मंजूरी दिलाने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए जाएं, ताकि परियोजना की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।

अन्य 7 परियोजनाओं के लिए भी की अनुमति की मांग

मुख्यमंत्री धामी ने जलशक्ति मंत्री से यह भी अनुरोध किया कि भारत सरकार के कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति द्वारा जिन सात जलविद्युत परियोजनाओं (कुल 647 मेगावाट) की संस्तुति की गई है, उन्हें भी शीघ्र स्वीकृति प्रदान की जाए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार विशेषज्ञों की सिफारिशों और पर्यावरणीय मानकों के अनुसार इन परियोजनाओं को विकसित करना चाहती है।

गंगा की निर्मलता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार मां गंगा की अविरलता, निर्मलता और राज्य की नदियों के संरक्षण को लेकर पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सतत विकास के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए नीतिगत निर्णय ले रही है और हर कदम पर विशेषज्ञों की सलाह का पालन कर रही है।

राज्य की ऊर्जा क्षमता में आएगा बड़ा उछाल

इन जलविद्युत परियोजनाओं को स्वीकृति मिलने पर राज्य की ऊर्जा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे न केवल राज्य की बिजली जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि शेष ऊर्जा को अन्य राज्यों को भी निर्यात किया जा सकेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी

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