मुख्य कोषाधिकारी और एकाउंटेंट रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

नैनीताल। न्यायिक कर्मचारियों को एसीपी (वार्षिक कैरियर प्रगति) लाभ दिलाने के एवज में रिश्वत मांगना दो अधिकारियों को भारी पड़ गया। सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर हल्द्वानी की ट्रैप टीम ने मुख्य कोषाधिकारी नैनीताल दिनेश कुमार राणा और एकाउंटेंट बसन्त जोशी को कुल 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई नैनीताल कोषाधिकारी कार्यालय में की गई, जहां दोनों अधिकारी रिश्वत की रकम प्राप्त कर रहे थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता द्वारा जनपद न्यायाधीश नैनीताल को एक प्रार्थना पत्र सौंपा गया था, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए थे। शिकायत में कहा गया था कि वह स्वयं और उनके अन्य सहकर्मी, जो विभिन्न न्यायाधीशों के वैयक्तिक सहायक के पद पर कार्यरत हैं, उन्होंने एसीपी लाभ (वार्षिक कैरियर प्रगति योजना के अंतर्गत मिलने वाले वित्तीय लाभ) प्राप्त करने के लिए विधिवत आवेदन किया था। इस पर संबंधित अधिकारियों द्वारा एक समिति का गठन किया गया, जिसमें प्रथम अपर जिला जज हल्द्वानी को अध्यक्ष और प्रथम अपर जिला जज नैनीताल तथा मुख्य कोषाधिकारी को सदस्य नामित किया गया।

समिति द्वारा समस्त मामलों की गहन समीक्षा की गई और उनकी संस्तुति के उपरांत उक्त प्रकरण को आगे की कार्रवाई के लिए कोषाधिकारी कार्यालय को प्रेषित किया गया। लेकिन आरोप है कि कोषाधिकारी ने अपने अधीनस्थ एकाउंटेंट के माध्यम से शिकायतकर्ता और अन्य सहकर्मियों से पत्रावली पर हस्ताक्षर करने और एरियर की धनराशि जारी करने के एवज में प्रति कर्मचारी 30-30 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। इस प्रकार कुल चार कर्मचारियों से 1.20 लाख रुपये की मांग की गई थी।

मामले की गंभीरता को भांपते हुए जनपद न्यायाधीश ने उक्त शिकायत को तत्परता दिखाते हुए सतर्कता अधिष्ठान को अग्रसारित कर दिया। इसके बाद सतर्कता अधिष्ठान ने शिकायत की जांच प्रारंभ की, जिसमें आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए। जांच के बाद विभाग ने तुरंत एक ट्रैप टीम का गठन किया, जिसने पूरी योजना बनाकर रिश्वत लेने की पुष्टि हेतु कार्रवाई की योजना तैयार की।

पूर्व नियोजित योजना के अनुसार, शनिवार को जैसे ही कोषाधिकारी और एकाउंटेंट ने शिकायतकर्ता से 1.20 लाख रुपये की रिश्वत स्वीकार की, वैसे ही सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़ लिया। उन्हें तत्काल हिरासत में ले लिया गया और पूछताछ शुरू कर दी गई।

फिलहाल दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है और पूरे प्रकरण की जांच भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आगे बढ़ाई जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, भविष्य में और भी कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जा सकती है। मामले में और कौन-कौन शामिल है, इसकी तह तक पहुंचने के लिए जांच टीम साक्ष्य एकत्र कर रही है।

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नैनीताल के प्रशासनिक और न्यायिक हलकों में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है

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