केदारनाथ यात्रा में बड़ा बदलाव: अब केदारपुरी में एक साथ 30,000 श्रद्धालु ठहर सकेंगे

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केदारनाथ धाम यात्रा के श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत

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अब 30 हजार तीर्थयात्री केदारपुरी में एक साथ ठहर सकेंगे, टेंट व्यवस्था में हुआ बड़ा विस्तार

उत्तराखंड स्थित पवित्र धाम केदारनाथ में इस बार तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। राज्य सरकार, जिला प्रशासन, गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN), स्थानीय युवाओं और पुलिस प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से अब केदारपुरी में लगभग 30 हजार तीर्थयात्रियों के एक साथ ठहरने की व्यवस्था की गई है। यह कदम उन लाखों श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो हर साल बाबा केदार के दर्शन के लिए देशभर से उत्तराखंड पहुंचते हैं।

श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार हो रहा है इजाफा

हर साल केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। जहां पिछले वर्ष तक केवल 15 हजार तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध थी, वहीं इस बार यह संख्या दोगुनी कर दी गई है। यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सीमित आवासीय व्यवस्था के कारण श्रद्धालुओं को न केवल असुविधा होती थी, बल्कि कई बार भीड़ के दबाव के चलते सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती थीं।

राज्य सरकार ने इस बार स्थिति की गंभीरता को पहले से ही भांप लिया था और यात्रा शुरू होने से पहले ही ठहरने की सुविधा को दोगुना करने की कार्य योजना पर काम शुरू कर दिया गया था।

2,295 टेंट्स पहले ही लगाए जा चुके, 1,000 और टेंट्स की तैयारी

गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) और विभिन्न निजी टेंट ऑपरेटरों के सहयोग से अब तक केदारनाथ में कुल 2,295 टेंट स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें लगभग 8,000 तीर्थयात्रियों के ठहरने की क्षमता है। इसके अतिरिक्त GMVN द्वारा 1,000 और टेंट लगाने की योजना भी तैयार की गई है, जिससे अतिरिक्त 3,000 से अधिक श्रद्धालुओं को आवास की सुविधा मिल सकेगी।

इन टेंटों को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि मौसम की प्रतिकूलता, जैसे बारिश, बर्फबारी और तेज हवाओं के बावजूद यात्रियों को कोई असुविधा न हो। साथ ही, आपात स्थिति में सुरक्षित निकासी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।

स्थानीय युवाओं को मिला रोज़गार, सेवा और व्यवस्था में निभा रहे अहम भूमिका

इस व्यवस्था में स्थानीय युवाओं को भी महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है। टेंट लगाने से लेकर उनके प्रबंधन, साफ-सफाई और तीर्थयात्रियों की सेवा में युवाओं को शामिल किया गया है। इससे एक ओर जहां स्थानीय युवाओं को रोज़गार के अवसर मिले हैं, वहीं दूसरी ओर तीर्थयात्रियों को बेहतर सेवाएं और स्थानीय मेहमाननवाज़ी का अनुभव हो रहा है।

किराया निर्धारण में पारदर्शिता, सुविधाओं के अनुसार अलग-अलग श्रेणियां

टेंटों के किराये को लेकर भी प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं।

  • GMVN द्वारा लगाए गए टेंटों का किराया मात्र 500 रुपये प्रति व्यक्ति रखा गया है, ताकि आम श्रद्धालु भी आसानी से ठहर सकें।

  • निजी टेंट ऑपरेटरों के टेंट का किराया 800 रुपये से लेकर 8,400 रुपये तक निर्धारित किया गया है, जो टेंट की सुविधा, स्थान और सेवाओं पर आधारित है।

  • हार्स पुलिंग पॉइंट और बेस कैंप क्षेत्र में एक सामान्य टेंट का किराया लगभग 1,000 रुपये रखा गया है।

  • जिन टेंटों में प्रसाधन और स्नान की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, उनके किराये थोड़े अधिक हैं, लेकिन सुविधा के लिहाज़ से ये उचित माने जा रहे हैं।

व्यवस्था पर प्रशासन की सख्त निगरानी, जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर

केदारनाथ धाम यात्रा को सुरक्षित, सुविधाजनक और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। टेंट व्यवस्था की गुणवत्ता, किराया नियंत्रण, स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था पर निगरानी के लिए विशेष टीमों को तैनात किया गया है।

श्रद्धालुओं की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की शिकायत या असुविधा होने पर तीर्थयात्री तुरंत संपर्क कर सकें।

इस बार की केदारनाथ यात्रा श्रद्धालुओं के लिए न केवल भक्ति का अनुभव होगी, बल्कि सुव्यवस्थित व्यवस्था और बेहतर सेवाओं के कारण यादगार भी बनेगी। आवास व्यवस्था को लेकर सरकार और प्रशासन की सक्रियता साफ दर्शाती है कि राज्य अब धार्मिक पर्यटन को लेकर पहले से कहीं अधिक गंभीर और प्रतिबद्ध है।

केदारनाथ के दर्शन की तैयारी कर रहे श्रद्धालुओं के लिए यह खबर निश्चित ही एक सकारात्मक संकेत है कि इस बार उन्हें ना तो ठहरने की चिंता होगी, ना ही व्यवस्था को लेकर कोई परेशानी

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