दो राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए 720.67 करोड़ स्वीकृत

राजमार्ग
मुख्य मार्गों को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार ने दी परियोजना को मंजूरी

देहरादून जिले में सड़क कनेक्टिविटी और यातायात सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग-7 के देहरादून-लाल टप्पर-नेपाली फार्म खंड और राष्ट्रीय राजमार्ग-34 के नेपाली फार्म-मोतीचूर खंड (कुल लंबाई 36.82 किमी) के सुधार कार्य हेतु ₹720.67 करोड़ की लागत से एक महत्त्वपूर्ण परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति उत्तराखंड के लिए आधारभूत ढांचे के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जिससे न केवल स्थानीय स्तर पर यातायात की व्यवस्था बेहतर होगी बल्कि राज्य की समग्र परिवहन प्रणाली को भी मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अहम स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री  नितिन गडकरी का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना उत्तराखंड, विशेषकर देहरादून-हरिद्वार-ऋषिकेश मार्ग पर यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों के लिए एक वरदान साबित होगी। इसके माध्यम से न केवल तेज़ और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया जा सकेगा, बल्कि चारधाम यात्रा के दृष्टिकोण से भी यह मार्ग अधिक सुलभ और सुगम हो जाएगा। तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों सभी के लिए यह मार्ग उपयोगी सिद्ध होगा।

इस परियोजना का मूल उद्देश्य मौजूदा व्यस्त जंक्शनों पर ग्रेड सेपरेशन (Grade Separation) तकनीक के माध्यम से मुख्य सड़क मार्ग और स्थानीय यातायात को अलग-अलग करना है। इससे ट्रैफिक की निर्बाध गति सुनिश्चित होगी और दुर्घटनाओं की आशंका में उल्लेखनीय कमी आएगी। इसके साथ ही योजना में अतिरिक्त सर्विस रोड के निर्माण का भी प्रावधान है, जिससे स्थानीय निवासियों को भी सुगम आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी। सेवा मार्गों के निर्माण से मुख्य राजमार्ग पर यातायात का दबाव कम होगा और आवागमन ज्यादा सुरक्षित, व्यवस्थित और कुशल बन सकेगा।

मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में निरंतर बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सड़कों, पुलों, सुरंगों और रेल परियोजनाओं के क्षेत्र में जितनी तेजी से काम हो रहा है, वह राज्य के उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करता है। ₹720.67 करोड़ की यह परियोजना न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और रणनीतिक रूप से भी उत्तराखंड को मजबूती प्रदान करेगी।

धामी ने यह भी कहा कि यह परियोजना राज्य के लोगों के लिए दीर्घकालिक लाभदायक सिद्ध होगी और विकास की रफ्तार को और तेज करेगी। आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को न केवल पर्यटन और तीर्थाटन का केंद्र बनाया जाएगा, बल्कि यह राज्य समावेशी बुनियादी ढांचे के लिए एक मॉडल भी बनेगा।

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