उत्तराखंड में हेली सेवाओं के लिए नई गाइडलाइन, सीएम धामी का बड़ा फैसला

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हेली सेवाओं में सुरक्षा सर्वोपरि: यूकाडा देगा केवल डबल इंजन हेलीकॉप्टर्स को अनुमति

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में हेली सेवाएं प्रदान करने वाले सभी ऑपरेटर्स को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि सुरक्षा मानकों से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि हेली यात्राओं की संख्या में वृद्धि के आंकड़ों से अधिक महत्वपूर्ण यात्रियों की सुरक्षा है, और यह राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री आवास में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यूकाडा, एएआईबी, डीजीसीए सहित सभी हेली सर्विस प्रोवाइडर्स एवं ऑपरेटर्स के साथ प्रदेश की हेली सेवाओं की समग्र समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि:

  • राज्य में केवल डबल इंजन हेलीकॉप्टर्स को ही उड़ान की अनुमति दी जाएगी और इसके लिए यूकाडा एक ठोस नीति बनाए।

  • हेली सेवाओं की सुरक्षा समीक्षा हेतु बीते वर्षों की दुर्घटनाओं का ऑडिट किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

  • हेलीकॉप्टर्स की नियमित फिटनेस जांच सुनिश्चित की जाए और एक प्रभावी एसओपी के तहत टिकट बुकिंग की प्रणाली लागू की जाए।

  • उच्च हिमालयी क्षेत्रों में संचालित हेलीकॉप्टर्स के लिए विशेष सुरक्षा मापदंडों का सख्ती से पालन किया जाए।

इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने सभी चारधाम वैली में वेदर कैमरे लगाने के निर्देश दिए ताकि मौसम की रियल टाइम जानकारी मिल सके और उड़ानों को सुरक्षित बनाया जा सके।

सीएम धामी ने वैष्णो देवी मॉडल का अध्ययन कर उसे उत्तराखंड में लागू करने की भी बात कही। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि केवल अनुभवी और प्रशिक्षित पायलटों को ही हेली सेवाओं में लगाया जाए।

उन्होंने हेली ऑपरेटर्स को यात्रियों के प्रति संवेदनशीलता बनाए रखने की सख्त हिदायत दी ताकि देवभूमि आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक सुखद अनुभव लेकर लौटें। मुख्यमंत्री ने चारधाम मार्गों पर स्वच्छता अभियान चलाने का भी निर्देश दिया।

सीएम धामी ने कहा कि राज्य में हेली सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। वर्तमान में 66,000 से अधिक यात्री हेली शटल सेवा का लाभ ले चुके हैं। इस मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार कई हेलीपैड्स का निर्माण भी करवा रही है।

अंत में मुख्यमंत्री ने यूकाडा को निर्देश दिए कि वह आगामी 10 वर्षों के लिए हेली सेवा की कार्ययोजना तैयार करे ताकि उत्तराखंड की भौगोलिक चुनौतियों को देखते हुए सुरक्षित और व्यवस्थित हेली नेटवर्क तैयार किया जा सके।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव सचिन कुर्वे, अपर सचिव श्रीमती सोनिका सहित सभी प्रमुख हेली और चार्टर्ड ऑपरेटर्स उपस्थित रहे।

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