अहमदाबाद हादसे से देहरादून में उड़ानें प्रभावित, अव्यवस्थाओं से यात्री परेशान”

अहमदाबाद

अहमदाबाद में विमान हादसे का असर देहरादून तक: एक फ्लाइट रद्द, दो देरी से पहुंचीं; एयरपोर्ट पर अव्यवस्थाओं से परेशान हुए यात्री

देहरादून/डोईवाला। अहमदाबाद एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए एक विमान हादसे का असर दूरस्थ हवाई अड्डों तक देखने को मिला। देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर इसकी प्रत्यक्ष झलक उस समय देखने को मिली, जब अहमदाबाद से आने वाली एक फ्लाइट रद्द कर दी गई और दो अन्य निर्धारित उड़ानें भारी देरी से पहुंचीं। इसके अलावा, देहरादून से अहमदाबाद जाने वाली स्पाइसजेट की उड़ान भी घंटों देरी से रवाना हुई, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।

एयरपोर्ट प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अहमदाबाद एयरपोर्ट पर विमान की रनवे से फिसलने की एक घटना के चलते कई उड़ानों के शेड्यूल प्रभावित हुए। देहरादून आने वाली इंडिगो एयरलाइंस की दोपहर 3:25 बजे पहुंचने वाली फ्लाइट को अहमदाबाद एयरपोर्ट से ही रद्द कर दिया गया। वहीं, स्पाइसजेट की दोपहर 1:10 बजे अहमदाबाद से आने वाली फ्लाइट भी करीब एक घंटे से अधिक की देरी से दोपहर 2:23 बजे देहरादून पहुंची। इसके अलावा इंडिगो की शाम 4:45 बजे अहमदाबाद से उड़ान भरने वाली फ्लाइट निर्धारित समय से लगभग तीन घंटे विलंब से रात 7:50 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची।

रवाना होने वाली फ्लाइट भी हुई देर

देहरादून से अहमदाबाद के लिए रवाना होने वाली स्पाइसजेट की दोपहर 1:50 बजे की फ्लाइट भी निर्धारित समय से करीब पांच घंटे विलंब से शाम 6:54 बजे एयरपोर्ट से उड़ान भर पाई। यह फ्लाइट भी अहमदाबाद हादसे के कारण उड़ान अनुमति में देरी के चलते अटकी रही। एयरपोर्ट प्रशासन के अनुसार, विमानों की रवानगी से पहले सुरक्षा एवं मौसम संबंधित अनुमति अहमदाबाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) द्वारा ही दी जाती है, जिसमें हादसे के कारण बाधा आई।

फ्लाइट्स के देर से आने और रवानगी में देरी के चलते जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें खाने-पीने की सुविधाओं को लेकर हुई। एयरपोर्ट परिसर में सभी फूड स्टॉल और रिफ्रेशमेंट दुकानों के टेंडर रद्द होने के चलते सभी दुकानें बंद पड़ी थीं। इस कारण यात्रियों को पानी और खाने जैसी बुनियादी आवश्यकताओं के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ी।

कुछ यात्री परेशान होकर आसपास के इलाकों में खाने की सामग्री ढूंढने निकल पड़े, जबकि अन्य ने एयरपोर्ट प्रबंधन को कॉल कर शिकायत दर्ज कराई। प्रबंधन की ओर से एकमात्र खुले लाउंज की जानकारी दी गई, लेकिन वहां भी लंबी लाइनें लगी थीं। कई बुजुर्ग यात्री और बच्चों के साथ यात्रा कर रहे परिवारों ने लाउंज में भी काफी देर इंतजार कर खाने की वस्तुएं लीं।

सोशल मीडिया पर जताई नाराजगी

विलंब और अव्यवस्था से नाराज कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और पोस्ट साझा कर एयरपोर्ट प्रबंधन की आलोचना की। एक यात्री ने लिखा, देहरादून जैसे बड़े और पर्यटन स्थल वाले शहर के एयरपोर्ट पर खाने-पीने की सुविधाएं तक नहीं हैं, यह बेहद निराशाजनक है।” कुछ यात्रियों ने फ्लाइट कंपनियों की ओर से समय पर जानकारी न देने पर भी नाराजगी जताई।

एयरपोर्ट प्रशासन की सफाई

इस पूरे घटनाक्रम पर जौलीग्रांट एयरपोर्ट प्रशासन का कहना है कि दुकानों के टेंडर की प्रक्रिया फिलहाल लंबित है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि नया टेंडर प्रोसेस शुरू किया जा चुका है और आगामी दो सप्ताह में सभी फूड स्टॉल्स को पुनः शुरू किया जाएगा।

घटना के बाद एयरपोर्ट प्रशासन ने आश्वासन दिया कि भविष्य में किसी आपात स्थिति में यात्रियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की योजना बनाई जा रही है। एयरपोर्ट पर टेम्पररी वेंडिंग मशीन, वाटर डिस्पेंसर और रेडी-टू-ईट फूड के विकल्पों को शामिल करने की योजना पर काम किया जा रहा है।

अहमदाबाद में हुए विमान हादसे की प्रतिध्वनि देहरादून तक सुनाई दी। जहां उड़ानों में देरी और रद्दीकरण के चलते यात्रियों को असुविधा झेलनी पड़ी, वहीं स्थानीय एयरपोर्ट पर बुनियादी सुविधाओं की कमी ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी। अब देखना होगा कि एयरपोर्ट प्रबंधन इस दिशा में कितनी जल्दी सुधारात्मक कदम उठाता है

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