कांवड़ यात्रा 2025: ड्रोन और डिजिटल तकनीक से होगी हरिद्वार में सुरक्षा की निगरानी

कांवड़

हरिद्वार में ड्रोन से होगी कांवड़ यात्रा की निगरानी, कांवड़ियों को ‘सचेत’ एप देगा हर जरूरी जानकारी

हरिद्वार, उत्तराखंड।
आगामी श्रावण मास में होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखंड प्रशासन ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार यात्रा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए कई नई पहल की जा रही हैं।

ड्रोन से निगरानी

कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में ड्रोन कैमरों की मदद से भीड़ नियंत्रण, यातायात और सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जाएगी। ड्रोन से प्राप्त विजुअल्स को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र (DEOC) में रियल टाइम में मॉनिटर किया जाएगा, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।

‘सचेत’ एप की सुविधा

श्रद्धालुओं को ‘सचेत’ नामक मोबाइल एप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह एप मौसम जानकारी, रूट प्लान, आपातकालीन संपर्क, पुलिस सहायता, चिकित्सा सुविधाओं और गंगा स्नान के सुरक्षित घाटों की जानकारी देगा। श्रद्धालु इसके जरिए प्रशासन से सीधे जुड़ सकेंगे।

सिंगल प्वाइंट ऑफ कांटेक्ट (SPOC)

सभी विभागों में SPOC अधिकारी नामित किए जाएंगे और उनकी सूची आपातकालीन संचालन केंद्रों के साथ साझा की जाएगी। इससे विभागीय समन्वय में तेजी आएगी और सूचनाओं का आदान-प्रदान तुरंत हो सकेगा।

मॉक ड्रिल से तैयारियों की जांच

30 जून को हरिद्वार में बाढ़ जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल होगी। इसमें एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जल पुलिस और 60 प्रशिक्षित ‘आपदा मित्र’ भाग लेंगे। ड्रिल में गंगा घाटों की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की तैयारियों की परख की जाएगी।

वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी

यूएसडीएमए स्थित कंट्रोल रूम में वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में समीक्षा बैठक हुई। अधिकारियों को यात्रा के दौरान आपसी समन्वय, आपदा प्रतिक्रिया और आमजन की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रशासन की अपील:
श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें, ‘सचेत’ एप का उपयोग करें और किसी भी आपात स्थिति में सहायता नंबर पर संपर्क करें।

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