निधि यादव को मिली IAS में पदोन्नति, विजिलेंस क्लीन चिट के बाद खुला रास्ता; जल्द मिल सकती है नई जिम्मेदारी
देहरादून – उत्तराखंड राज्य सिविल सेवा की वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी निधि यादव को आखिरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में पदोन्नति मिल गई है। लंबे समय से चली आ रही प्रक्रिया और विजिलेंस जांच के निष्कर्ष के बाद अब केंद्र सरकार ने उन्हें वर्ष 2017 बैच का IAS अधिकारी घोषित कर दिया है। इस संबंध में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने 23 जून 2025 को आधिकारिक अधिसूचना जारी की है।
चार साल की प्रतीक्षा के बाद मिली सफलता
निधि यादव का नाम वर्ष 2021 की रिक्तियों के तहत IAS पदोन्नति सूची में शामिल था, लेकिन उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों के चलते विजिलेंस जांच लंबित थी। उस समय विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक में उनका मामला “सीलबंद लिफाफे” में रखा गया था। जांच पूरी होने तक उनके प्रमोशन पर निर्णय टाल दिया गया था।
विजिलेंस जांच के निष्कर्ष आने के बाद जब निधि यादव को क्लीन चिट मिल गई, तब उत्तराखंड शासन के कार्मिक विभाग ने उनके प्रमोशन की प्रक्रिया को पुनः सक्रिय किया। कार्मिक विभाग ने यूपीएससी और DoPT को आवश्यक दस्तावेज, जांच रिपोर्ट और अनुमोदन पत्र भेजे। कई स्तरों की औपचारिकताएं और पत्राचार के बाद अंततः केंद्र सरकार ने उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल करने की स्वीकृति दे दी।
कैट के आदेश से मिली कानूनी मजबूती
यह पदोन्नति संघ लोक सेवा अधिकरण (CAT), प्रिंसिपल बेंच, नई दिल्ली के 7 फरवरी 2025 को पारित आदेश की अनुपालना में की गई है। निधि यादव ने कैट में याचिका (DA No. 1982/2024) दायर कर अपने पक्ष को मजबूती से रखा था, जिसमें उन्होंने समय से प्रमोशन नहीं मिलने और इससे करियर पर पड़ने वाले प्रभाव का मुद्दा उठाया था। कैट के आदेश के बाद सरकार को निर्णय लेना पड़ा।
2017 बैच में मिली सीनियरिटी, जल्द मिल सकती है नई पोस्टिंग
DoPT द्वारा जारी आदेश में निधि यादव को IAS की 2017 बैच आवंटित की गई है। सीनियरिटी क्रम में वे विनोद गिरि गोस्वामी के ठीक बाद होंगी। उनके साथ के कई अन्य PCS अधिकारी पूर्व में ही IAS में प्रोन्नत हो चुके थे, लेकिन जांच के चलते निधि यादव को चार वर्ष प्रतीक्षा करनी पड़ी।
वर्तमान में निधि यादव उत्तराखंड शासन में पंचायती राज विभाग में निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। अब जबकि उन्हें IAS कैडर में प्रोन्नति मिल चुकी है, संभावना है कि शीघ्र ही उन्हें नए स्तर की प्रशासनिक जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
प्रशासनिक हलकों में चर्चा, महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा
निधि यादव की पदोन्नति को प्रशासनिक सेवा में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का उदाहरण माना जा रहा है। यह न केवल उनके करियर के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि उन अधिकारियों के लिए भी प्रेरणा है, जो विषम परिस्थितियों में भी सत्य और संयम के साथ कार्य करते हैं।
कानूनी आधार और नियुक्ति नियमों के तहत निर्णय
यह नियुक्ति IAS (भर्ती) नियम, 1954 की धारा 8(1), IAS (पदोन्नति द्वारा नियुक्ति) विनियम, 1955 की धारा 9(1) और IAS (प्रोबेशन) नियम, 1954 की धारा 3 के तहत की गई है। राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदन के बाद निधि यादव को प्रोबेशन अवधि के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा में नियुक्त किया गया है। उन्हें उत्तराखंड कैडर ही आवंटित किया गया है।
विजिलेंस जांच की बाधा पार कर आखिरकार PCS अधिकारी निधि यादव का सपना साकार हुआ। IAS की पदोन्नति ने उनके वर्षों की मेहनत, धैर्य और न्याय में आस्था को मान्यता दी है। जल्द ही वे राज्य शासन में एक नई, बड़ी जिम्मेदारी संभालती नजर आ सकती हैं।
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