बारिश बनी बाधा: तीर्थयात्रा पर विराम उत्तरकाशी में पहाड़ी दरकने से हादसा
कई मजदूर लापता, चारधाम यात्रा रोकी, सर्च ऑपरेशन जारी
उत्तरकाशी/देहरादून। उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से जारी मूसलधार बारिश अब जानलेवा साबित हो रही है। उत्तरकाशी जनपद के सलाई बैंड क्षेत्र में भूस्खलन की गंभीर घटना में श्रमिकों का कैंप इसकी चपेट में आ गया, जिसमें 19 श्रमिकों में से 10 को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि 9 अभी भी लापता हैं।
दूसरी ओर, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए चारधाम यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया है।
भारी बारिश से प्रदेश के कई इलाकों में मार्ग अवरुद्ध हैं। जगह-जगह पर हजारों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। जेसीबी से रास्ता खोलने की कवायद भी जारी है।
NH 119 कोटद्वार श्रीनगर मार्ग पर सतपुली से गुमखाल के मध्य पत्थर गिरने से अवरुद्ध मार्ग को खोलती जेसीबी ।
भूस्खलन से लेबर कैंप चपेट में, SDRF ने 10 को बचाया, 9 श्रमिक अब भी लापता
उत्तरकाशी के सलाई बैंड क्षेत्र में पहाड़ी दरकने से बड़ा हादसा, बारिश से रास्ते अवरुद्ध, रेस्क्यू अभियान जारी
जिले के डुंडा ब्लॉक अंतर्गत सलाई बैंड क्षेत्र में शनिवार तड़के हुई भारी बारिश के बाद पहाड़ी दरकने से बड़ा हादसा हो गया। एक निर्माणाधीन सुरंग परियोजना के पास स्थित लेबर कैंप पूरी तरह से भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिसमें 19 श्रमिक दब गए।
घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल SDRF उत्तराखंड पुलिस की टीम को मौके के लिए रवाना किया गया।
उपनिरीक्षक नवीन कुमार के नेतृत्व में टीम ने तेज बारिश और भूस्खलन के जोखिम के बावजूद दुर्गम पैदल मार्ग से घटनास्थल तक पहुंच बनाई।
टीम ने मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए सघन सर्च ऑपरेशन शुरू किया और अब तक 10 श्रमिकों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। शेष 9 श्रमिकों की तलाश जारी है, जिनके लिए SDRF, NDRF, स्थानीय पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और राजस्व विभाग की टीमें संयुक्त रूप से जुटी हुई हैं।

स्थानीय हालात बेहद विकट
मौके पर पहुंची टीमों को लगातार बारिश, कीचड़ और ढहते पहाड़ी हिस्सों के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मार्ग अवरुद्ध होने से मशीनरी और भारी उपकरण मौके तक नहीं पहुंच पाए हैं, जिससे रेस्क्यू कार्य पूरी तरह मानव संसाधन आधारित हो गया है।
प्रशासन ने घटनास्थल के आसपास के गांवों को अलर्ट पर रखा है और संवेदनशील इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का कार्य भी आरंभ कर दिया गया है।
परियोजना स्थल पर सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी उठे सवाल
स्थानीय सूत्रों और मजदूरों के परिवारजनों का कहना है कि लेबर कैंप पहाड़ी के नीचे संवेदनशील स्थान पर स्थित था। ऐसे स्थान पर भारी वर्षा के दौरान सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर परियोजना संचालकों से रिपोर्ट तलब कर चुके हैं और सुरक्षा चूक की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
चारधाम यात्रा एक दिन के लिए स्थगित
प्रदेश में हो रही लगातार भारी वर्षा और भूस्खलन की आशंकाओं को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए चारधाम यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित किया गया है। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान मौसम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि यात्रियों की जानमाल की सुरक्षा के मद्देनज़र यह एहतियाती कदम उठाया गया है, ताकि मार्गों पर फंसे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके। संबंधित जिलों के प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और राहत एवं बचाव दलों को सक्रिय किया गया है।
आयुक्त पांडेय ने बताया कि आगे की यात्रा को लेकर निर्णय कल मौसम की स्थिति और मार्गों की समीक्षा के पश्चात लिया जाएगा। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और मौसम सामान्य होने तक यात्रा स्थलों की ओर प्रस्थान न करें।
खैरी खुर्द, बंगला नाला क्षेत्र, ऋषिकेश में जलभराव
ऋषिकेश के खैरी खुर्द स्थित बंगला नाला क्षेत्र में जलभराव की सूचना प्राप्त होते ही एसडीआरएफ की टीम पोस्ट ढालवाला से तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना की गई। टीम के मौके पर पहुंचने पर पाया गया कि जलभराव के कारण स्थानीय लोग अपने घरों की छतों पर शरण लिए हुए थे।

तेज़ी से कार्रवाई करते हुए एसडीआरएफ ने क्षेत्र का जायजा लिया और लोगों से संपर्क स्थापित किया। फिलहाल स्थिति सामान्य है और जलभराव में कमी आ चुकी है। टीम द्वारा सतत निगरानी एवं स्थानीय निवासियों से संवाद के माध्यम से क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
प्रशासन की अपील और निर्देश
जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने आमजन से अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल आधिकारिक जानकारी पर विश्वास करने की अपील की है। साथ ही क्षेत्रीय लोगों और यात्रियों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने और आपात स्थिति में संबंधित विभागों से संपर्क करने का निर्देश दिया गया है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के लिए अगले 48 घंटों तक अत्यधिक भारी वर्षा काअलर्ट जारी किया है।
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