कोटद्वार-नजीबाबाद मार्ग पर पुलिया ध्वस्त, यातायात बाधित

कोटद्वार

कोटद्वार-नजीबाबाद एनएच534 पर टूटी पुलिया से यातायात ठप, रेल ही बना सहारा

कोटद्वार। लगातार हो रही भारी बारिश ने कोटद्वार–नजीबाबाद मार्ग (एनएच-534) की रफ्तार पर पूरी तरह ब्रेक लगा दिया है। जाफराबाद पुलिस चौकी के पास पुलिया टूट जाने से इस महत्वपूर्ण हाईवे पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया।

कोटद्वार क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलधार बारिश के चलते सड़कें कई जगह धंस गईं। खासकर सुखरो पुल और जाफराबाद पुलिस चौकी के बीच स्थित पुलिया तेज बहाव की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गई। इसके अलावा कोटद्वार-नजीबाबाद मार्ग के खैरा ढाबा क्षेत्र में एक निर्माणाधीन पुल के नीचे से निकलने वाला वैकल्पिक मार्ग भी पानी के बहाव में बह गया, जिससे पूरी सड़क बाधित हो गई।

इस घटना के बाद कोटद्वार से दिल्ली-एनसीआर की ओर जाने वाला मार्ग पूरी तरह ठप हो गया। पुलिया टूटने और सड़क धंसने के कारण हाईवे पर घंटों लंबा जाम लगा रहा। सैकड़ों वाहन सड़क पर फंसे रहे, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई लोग फंसे वाहनों में ही रात गुजारने को मजबूर हो गए

यातायात डायवर्जन की व्यवस्था

स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन ने तत्काल वैकल्पिक व्यवस्थाएं कीं। गाड़ियों को हरिद्वार, देहरादून, मेरठ और दिल्ली की ओर अन्य मार्गों से डायवर्ट किया गया। प्रशासन ने दिल्ली फार्म के वैकल्पिक मार्ग का भी उपयोग कराया। हालांकि वैकल्पिक रास्तों की लंबाई और खराब हालत के चलते यात्रियों को ज्यादा समय और खर्च झेलना पड़ रहा है।

कोटद्वार से बाहर जाने और आने के लिए फिलहाल सड़क मार्ग पूरी तरह बंद है। ऐसे में रेल ही इस समय कोटद्वार के लोगों और यात्रियों के लिए एकमात्र सहारा बनी हुई है। कोटद्वार रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ भी बढ़ गई है, क्योंकि सभी लोग ट्रेन का ही सहारा ले रहे हैं।

मरम्मत का कार्य जारी

स्थानीय लोक निर्माण विभाग और ट्रैफिक पुलिस की टीमें प्रभावित स्थानों पर काम में जुटी हैं। जेसीबी और अन्य भारी मशीनरी की मदद से मार्ग को फिर से चालू करने की कोशिशें की जा रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक, हालात सामान्य होने में अभी कुछ और वक्त लग सकता है, क्योंकि बारिश अभी भी रुक-रुक कर जारी है और मिट्टी का कटाव तेज है।

प्रशासन ने आम जनता और यात्रियों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और वैकल्पिक मार्गों का ही उपयोग करें। साथ ही बारिश के दौरान पहाड़ी इलाकों की यात्रा न करने की सलाह दी गई है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *