थराली पुलिस ने 500 ग्राम कीड़ा जड़ी के साथ अंतरराष्ट्रीय तस्कर को पकड़ा

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थराली पुलिस की बड़ी कार्रवाई: अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरफ्तार, 10 लाख रुपये की 500 ग्राम कीड़ा जड़ी (यारसागंबू) बरामद

चमोली/थराली। आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मद्देनज़र जिले में अपराध और तस्करी पर शिकंजा कसने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत थराली पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने एक नेपाली नागरिक को 500 ग्राम प्रतिबंधित वन्य उत्पाद कीड़ा जड़ी (जिसे यारसागंबू भी कहा जाता है) के साथ गिरफ्तार किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बरामद कीड़ा जड़ी की अनुमानित कीमत लगभग 10 लाख रुपये आंकी जा रही है।

गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई

चमोली के पुलिस अधीक्षक श्री सर्वेश पंवार के निर्देशन में जिलेभर में अवैध वन संपदा की तस्करी पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। इसी क्रम में, चौकी देवाल के प्रभारी उपनिरीक्षक सतेंद्र सिंह बुटोला को विश्वसनीय मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि एक व्यक्ति प्रतिबंधित वन्य उत्पाद की तस्करी के इरादे से देवसारी बेंड ग्वालदम की ओर आने वाला है।

सूचना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस टीम ने देवसारी बेंड के समीप चेकिंग अभियान तेज कर दिया। घेराबंदी के दौरान पुलिस ने एक संदिग्ध नेपाली युवक को रोका। तलाशी लेने पर उसके पास से 500 ग्राम कीड़ा जड़ी बरामद हुई, जिसे उसने एक प्लास्टिक के थैले में छिपा रखा था।

तस्कर की पहचान और कानूनी कार्रवाई

गिरफ्तार आरोपी की पहचान नक बहादुर पुत्र हरका बहादुर, निवासी बोरकोट ग्राम पालिका वार्ड नंबर-3, थाना रामिडाडा, जिला जाजरकोट, कनाली नेपाल के रूप में हुई है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह कीड़ा जड़ी को नेपाल से भारत लाया था और यहां ऊंचे दामों में बेचने की फिराक में था। पुलिस का अनुमान है कि आरोपी के पीछे तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का हाथ हो सकता है, जिसकी जांच की जा रही है।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ थाना थराली में मु0अ0सं0-15/2025, धारा 26(छ), 41 और 42 भारतीय वन अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत कर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपी को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट कर्णप्रयाग के समक्ष पेश किया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग

गौरतलब है कि यारसागंबू, जिसे वैज्ञानिक भाषा में Ophiocordyceps sinensis कहा जाता है, हिमालयी क्षेत्र में उगने वाली एक दुर्लभ और महंगी औषधीय फफूंद है। इसे परंपरागत चीनी और तिब्बती चिकित्सा में शारीरिक क्षमता बढ़ाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत बीस लाख रुपये प्रति किलोग्राम से लेकर चालीस लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है। यही कारण है कि यह तस्करों के लिए एक बड़ा आकर्षण बना हुआ है।

वन विभाग और पुलिस की सतर्कता

वन्य उपज की तस्करी पर रोक लगाने के लिए पुलिस और वन विभाग संयुक्त रूप से क्षेत्र में लगातार गश्त और चेकिंग अभियान चला रहे हैं। एसपी चमोली श्री सर्वेश पंवार ने जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि पंचायत चुनावों के दौरान किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि, अवैध तस्करी या संदिग्ध आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जाए।

पुलिस टीम में शामिल अधिकारी:

  • उपनिरीक्षक सतेंद्र सिंह बुटोला (चौकी प्रभारी देवाल)

  • कांस्टेबल आजाद सिंह

चमोली पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि या वन्य संपदा की तस्करी की जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें, ताकि कड़ी कार्रवाई की जा सके

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