धामी सरकार ने कैबिनेट बैठक में अहम फैसलों पर लगाई मुहर

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मुख्यमंत्री धामी की कैबिनेट में कोकून एमएसपी बढ़ोतरी का महत्वपूर्ण निर्णय

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोकून (रेशमगुटिका) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दरों में वृद्धि को मंजूरी मिल गई है। इस निर्णय से प्रदेश के रेशम पालकों और किसानों को बेहतर आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है। कैबिनेट ने रेशम उत्पादन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है, जिससे उत्तराखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

नई एमएसपी दरें और किसानों के लिए राहत

कैबिनेट ने कोकून की विभिन्न श्रेणियों के लिए नई एमएसपी दरें तय की हैं। अब ए ग्रेड कोकून की कीमत 400 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 440 रुपये कर दी गई है। बी ग्रेड की दर 370 रुपये से बढ़ाकर 395 रुपये, सी ग्रेड 280 रुपये से बढ़ाकर 290 रुपये, और डी ग्रेड की कीमत 230 रुपये से बढ़ाकर 240 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी गई है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि यह वृद्धि किसानों को बेहतर दाम दिलाने के साथसाथ रेशम उत्पादन को प्रोत्साहित करने में सहायक होगी। उन्होंने कहा, “यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और रेशम उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।”

प्रदेश में रेशम उत्पादन के विस्तार और समर्थन की योजनाएं

उत्तराखंड में मुख्य रूप से देहरादून और बागेश्वर जिले कोकून उत्पादन के प्रमुख केंद्र हैं, लेकिन सरकार का लक्ष्य इसे अन्य जिलों तक भी फैलाना है। कृषि विभाग आगामी समय में किसानों को रेशम पालन की आधुनिक तकनीकों के प्रशिक्षण देने के साथ-साथ वित्तीय सहायता और सब्सिडी भी प्रदान करेगा। इससे किसानों को उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

ग्रामीण विकास और आर्थिक सशक्तिकरण का संकल्प

सरकार का मानना है कि कोकून की एमएसपी दरों में वृद्धि से न केवल किसानों की आय में इजाफा होगा, बल्कि इससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। बेहतर दाम मिलने से किसानों में रेशम पालन को लेकर उत्साह बढ़ेगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को भी बल मिलेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उनकी प्राथमिकता प्रदेश के किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी और रेशम उद्योग को आधुनिक तकनीकों से जोड़कर नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी

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