देवभूमि की पवित्र नदियों का अमृत लिए रवाना हुई कलश यात्रा

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मुख्यमंत्री धामी के flagged off के साथ, कुशीनगर में सूर्य देव का जलाभिषेक संपन्न होगा

देवभूमि से कुशीनगर के लिए रवाना हुई पवित्र जल कलश यात्रा, मुख्यमंत्री धामी ने किया शुभारंभ

देहरादून। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में भगवान सूर्य की प्रतिमा के भव्य जलाभिषेक कार्यक्रम के लिए शुक्रवार को उत्तराखंड से पवित्र नदियों के जल से भरी कलश यात्रा को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की धरती न केवल देवभूमि के नाम से जानी जाती है, बल्कि यहां की नदियां भी धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखती हैं। उन्होंने कहा कि कुशीनगर में भगवान सूर्य की मूर्ति का जलाभिषेक देवभूमि के आस्था और सांस्कृतिक योगदान को और मजबूती देगा। मुख्यमंत्री ने आयोजन समिति को इस पुनीत कार्य के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि ऐसे आयोजन समाज को एकता और धार्मिक चेतना से जोड़ते हैं।

151 पवित्र नदियों का संगम

कुशीनगर में भगवान सूर्य की प्रतिमा का जलाभिषेक करने के लिए देशभर की लगभग 151 पवित्र नदियों से जल एकत्र किया जा रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड की गंगा, यमुना, अलकनंदा, मंदाकिनी, भागीरथी, नंदाकिनी, सरयू, काली गंगा और अन्य प्रमुख नदियों का जल कलशों में एकत्र किया गया है। यह जल कुशीनगर तक पहुंचाया जाएगा, जहां सूर्य देव की प्रतिमा का विधिवत जलाभिषेक किया जाएगा

आयोजकों के अनुसार, इस जलाभिषेक कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न नदियों के पावन जल को एकत्रित कर राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक सौहार्द और धार्मिक चेतना का संदेश देना है। साथ ही भगवान सूर्य की उपासना भारतीय परंपरा में ऊर्जा, आरोग्य और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।

संतों और गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी

कलश यात्रा के शुभारंभ अवसर पर महामंडलेश्वर श्री 1008 डॉ. स्वामी संतोषानंद देव जी महाराज ने कहा कि देवभूमि की नदियां केवल जलधाराएं नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा की स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि कुशीनगर में होने वाला यह जलाभिषेक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा।

पूर्वांचल महोत्सव समिति के अध्यक्ष विनय राय ने बताया कि यह यात्रा देश के कई राज्यों से होकर गुजरेगी और विभिन्न स्थानों पर भक्तों द्वारा इसकी अगवानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि यात्रा के माध्यम से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम में समिति के अन्य सदस्य और श्रद्धालु भी उपस्थित रहे।

आयोजन समिति के मुताबिक, कुशीनगर में भगवान सूर्य की मूर्ति पर यह ऐतिहासिक जलाभिषेक समारोह आगामी सप्ताह में संपन्न होगा।

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