धामी बोले- जल विद्युत परियोजनाएं बनेंगी राज्य की आर्थिकी की रीढ़, केंद्र से मांगा सहयोग
नई दिल्ली। उत्तराखंड के सामाजिक और आर्थिक विकास को नई गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से शिष्टाचार भेंट की। नई दिल्ली स्थित जल शक्ति मंत्रालय में हुई इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के लिए जल विद्युत परियोजनाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए इनके शीघ्र क्रियान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां और प्राकृतिक संसाधन राज्य को जल विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि इन संसाधनों का उचित उपयोग हो, तो न केवल राज्य की ऊर्जा जरूरतें पूरी हो सकती हैं, बल्कि उत्तराखंड ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होकर अन्य राज्यों को भी बिजली आपूर्ति कर सकता है। इससे राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में भी सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने राज्य की कुल 21 जल विद्युत परियोजनाओं का गहन अध्ययन और परीक्षण किया है। समिति की संस्तुतियों के आधार पर मुख्यमंत्री ने पांच महत्वपूर्ण परियोजनाओं को प्राथमिकता पर आगे बढ़ाने का आग्रह किया।
बताया गया कि ये पांच परियोजनाएं न केवल बिजली उत्पादन में योगदान देंगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित करेंगी। साथ ही, इससे उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास को भी बल मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस पर बल दिया कि इन परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार का सहयोग अत्यंत आवश्यक है, ताकि पर्यावरणीय मानकों और न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए विकास कार्यों को गति दी जा सके।
बैठक के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने मुख्यमंत्री के अनुरोध को गंभीरता से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि मंत्रालय उत्तराखंड के हित में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि जल विद्युत परियोजनाएं न केवल राज्य बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने उत्तराखंड सरकार को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
गौरतलब है कि उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है, जहां नदियों और जलस्रोतों की प्रचुरता के चलते पानी विद्युत परियोजनाओं के लिए व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। हालांकि, पर्यावरणीय चिंताओं और कानूनी अड़चनों के कारण पिछले कुछ वर्षों में कई परियोजनाएं लंबित पड़ी हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री का यह प्रयास राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में नई उम्मीदें जगा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी की केंद्रीय मंत्री से हुई यह मुलाकात राज्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे राज्य की अटकी हुई परियोजनाओं को गति मिलेगी और उत्तराखंड ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी छवि को और सुदृढ़ करेगा।
Leave a Reply