मंत्री का निर्देश: 100 दिन में लाएं सहकारिता में व्यापक सुधार

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मंत्री ने जताई विभागीय लचर कार्यप्रणाली पर नाराजगी, हर 15 दिन में होगी समीक्षा

देहरादून। सहकारिता मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने मंगलवार को देहरादून के विकास भवन सभागार में सहकारिता विभाग की जनपद स्तरीय समीक्षा बैठक की इस दौरान उन्होंने देहरादून जनपद की प्रगति पर विस्तृत चर्चा करते हुए विभागीय अधिकारियों को अगले 100 दिनों के भीतर निर्धारित कार्ययोजना को धरातल पर उतारने के निर्देश दिए।

बैठक में सहकारी समितियों और जिला सहकारी बैंकों की संयुक्त समीक्षा की गई। मंत्री डॉ. रावत ने विभागीय कार्यप्रणाली पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सहकारिता क्षेत्र में अपेक्षित प्रगति न होना चिंताजनक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे गुजरात के सफल सहकारिता मॉडल का अध्ययन करें और वहां के नवाचारों को देहरादून में भी लागू करें, ताकि राज्य के सहकारिता क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार हो सके। उन्होंने दिसंबर माह तक सभी सहकारी समितियों और जिला सहकारी बैंक की कार्यप्रणाली में सुधार लाने का लक्ष्य तय किया।

बैठक में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर निर्णय लिए गए —
  • मोबाइल यूपीआई बैंकिंग: देहरादून जनपद में इस वर्ष से मोबाइल आधारित यूपीआई बैंकिंग सुविधा शुरू की जाएगी। मंत्री ने अधिकारियों को इस दिशा में सभी तैयारियां शीघ्र पूर्ण करने को कहा, ताकि सहकारी बैंकिंग सेवाएं ग्रामीण इलाकों में भी सहज रूप से उपलब्ध हो सकें।

  • खाता खोलो अभियान: शाखा प्रबंधकों को निर्देश दिया गया कि वे गांव-गांव जाकर किसानों और ग्रामीणों से सीधा संवाद स्थापित करें और उन्हें सहकारी बैंकों में खाते खोलने के लिए प्रेरित करें। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में मदद मिलेगी।

  • सहकारिता चौपाल: अगले 100 दिनों तक विशेष जागरूकता अभियान ‘सहकारिता चौपाल’ चलाया जाएगा। इसके माध्यम से ग्रामीणों को सहकारिता की विभिन्न योजनाओं और लाभों की जानकारी दी जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ें।

  • महिला समूहों को जोड़ें: स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की महिलाओं को सहकारी बैंकिंग प्रणाली में शामिल करने पर जोर दिया गया। मंत्री ने कहा कि महिलाओं को लघु ऋण सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं और उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाया जाए।

  • समितियों को गोद लेने की योजना: प्रत्येक अपर जिला सहकारी अधिकारी और जिला विकास अधिकारी को एक-एक घाटे में चल रही सहकारी समिति को गोद लेने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारी उस समिति का व्यवसायिक विकास सुनिश्चित करेंगे और उसे लाभ की स्थिति में लाएंगे।

  • तकनीकी प्रशिक्षण: जनपद की सभी 27 शाखाओं के प्रबंधकों को नवाचार, डिजिटल बैंकिंग और आधुनिक बैंकिंग तकनीकों पर आधारित दो चरणों में विशेष प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है, ताकि वे बदलती तकनीक और ग्राहक अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य कर सकें।

  • समितियों का पुनरुद्धार: घाटे में चल रही सहकारी समितियों के लिए नया व्यवसायिक योजना (बिजनेस प्लान) तैयार किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि ऐसी समितियों को लाभ में लाना विभाग की प्राथमिकता होगी।

  • डिफॉल्टर समितियों पर कार्रवाई: मंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन समितियों की हालत बेहद खराब है और जो ऋण चुकाने में विफल रही हैं, उन्हें लिक्विडेशन की प्रक्रिया में लाया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

  • लघु ऋण सुविधा: देहरादून में रेहड़ी-पटरी वालों, छोटे दुकानदारों और छोटे व्यवसायियों को दैनिक, साप्ताहिक अथवा मासिक किस्तों पर आसान शर्तों में लघु ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि इससे छोटे कारोबारियों को साहूकारों के चंगुल से मुक्ति मिलेगी।

  • नियमित समीक्षा: मंत्री ने कहा कि प्रत्येक 15 दिन में विभागीय प्रगति की समीक्षा बैठक होगी और वे स्वयं प्रतिमाह जनपद में चल रही गतिविधियों की समीक्षा करेंगे, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की देरी न हो।

मंत्री डॉ. रावत ने दोटूक कहा कि यदि सहकारिता को जन-आंदोलन बनाना है तो अधिकारियों को धरातल पर जाकर काम करना होगा और किसानों, महिलाओं तथा युवाओं को इससे सीधे जोड़ना होगा। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि लापरवाही और विलंब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उनका लक्ष्य देहरादून को सहकारिता क्षेत्र में पूरे प्रदेश का मॉडल जनपद बनाने का है।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक नवीन कुमार, जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक सी. के. कमल, सहायक निबंधक बी. एम. मनराल समेत जनपद की सभी 27 शाखाओं के प्रबंधक, अपर जिला सहकारी अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी उपस्थित रहे

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