रेड अलर्ट जारी: केदारनाथ यात्रा पर रोक, कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी

केदारनाथ

उत्तराखंड में भारी बारिश का रेड अलर्ट

दो दिन के लिए केदारनाथ और मद्महेश्वर यात्रा स्थगित, कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी

देहरादून। उत्तराखंड में आगामी 18 घंटों के भीतर अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी के साथ राज्यभर में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। इस चेतावनी के मद्देनज़र प्रशासन ने केदारनाथ और मद्महेश्वर धाम की यात्रा को अगले दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। इसके अलावा पौड़ी और उत्तरकाशी जिलों में गुरुवार को सभी स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ घंटों में तेज गरज के साथ भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह वर्षा प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर मैदानी जिलों तक व्यापक स्तर पर प्रभाव डाल सकती है। पिछले कई दिनों से लगातार जारी बारिश के कारण भूमि धंसाव, भूस्खलन और जलभराव जैसी घटनाओं की संभावना भी जताई गई है।

बारिश से अब तक की स्थिति

राज्य के विभिन्न जिलों में पिछले 24 घंटे में सामान्य से कहीं अधिक वर्षा दर्ज की गई है। देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में 222.2 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया कि अगले कुछ घंटों में भी बारिश का दौर जारी रहेगा और बिजली चमकने तथा तेज हवाओं के साथ यह अधिक खतरनाक हो सकता है।

विशेष रूप से उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को आई आपदा के बाद प्रदेशभर के प्रशासनिक महकमे को सतर्क कर दिया गया है। इसी के चलते राज्य सरकार ने गुरुवार के लिए सभी जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया है और संबंधित विभागों को स्थिति पर सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं

केदारनाथ और मद्महेश्वर यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित

केदारनाथ यात्रा, जो कि प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, को एहतियात के तौर पर दो दिन के लिए रोका गया है। साथ ही मद्महेश्वर धाम यात्रा को भी अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।

रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के अनुसार, बुधवार को भी यात्रा स्थगित रही, और बृहस्पतिवार व शुक्रवार को भी कोई श्रद्धालु यात्रा नहीं कर पाएंगे। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने जानकारी दी कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया गया है।

सोनप्रयाग से केदारनाथ के बीच के सभी पड़ावों पर सेक्टर अधिकारियों को विशेष निगरानी के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, केदारनाथ धाम में पहले से मौजूद श्रद्धालुओं एवं स्थानीय नागरिकों से दो दिनों तक पैदल यात्रा मार्ग पर आवाजाही न करने की सख्त हिदायत दी गई है। पुलिस और प्रशासन की टीमें यात्रा मार्ग पर तैनात हैं और श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर ठहरने की सलाह दी गई है।

फूलों की घाटी में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक

चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी को भी मौसम को देखते हुए पर्यटकों के लिए बुधवार को बंद कर दिया गया। इससे पहले मंगलवार को वन विभाग की टीम ने स्थानीय गाइडों की सहायता से लगभग 150 पर्यटकों को सुरक्षित रेस्क्यू किया था।

नंदा देवी नेशनल पार्क के उप निदेशक तरुण एस ने बताया कि वर्तमान मौसम को देखते हुए घाटी में पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं लिया जा सकता। गुरुवार को मौसम की स्थिति की समीक्षा के बाद ही यह निर्णय लिया जाएगा कि घाटी को पुनः खोला जाए या नहीं।

प्रशासन की अपील: सतर्क रहें, सुरक्षित स्थानों पर ठहरें

राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी निवासियों और यात्रियों से अपील की है कि मौसम चेतावनियों को गंभीरता से लें, अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करें।

आपातकालीन स्थिति में त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सभी जिलों में आपदा कंट्रोल रूम को सक्रिय किया गया है, और राहत बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

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